राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भोपाल में दो दिवसीय PM-JAY और ABDM राष्ट्रीय समीक्षा बैठक की मेजबानी की
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने 15-16 अक्टूबर, 2025 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसने रणनीतिक गठबंधन और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य किया और साथ ही भारत की दो प्रमुख स्वास्थ्य पहलों – आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रगति का मूल्यांकन और भविष्य की रूपरेखा तैयार की। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल; मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन; एबीडीएम के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक श्री किरण गोपाल वासका; पीएमजेएवाई में संयुक्त सचिव श्रीमती ज्योति यादव; श्री जे सत्यनारायण, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य हस्तियां, विशेषज्ञ और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा परिवर्तन पर एक व्यापक संवाद के लिए देश भर के हितधारक एक साथ आए।
एनएचए ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं का एक संग्रह जारी किया, जिसमें पीएम-जेएवाई और एबीडीएम के तहत प्रभाव और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।
इस समीक्षा बैठक का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वयन का आकलन करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और सामूहिक रूप से पीएम-जेएवाई 2.0 और एबीडीएम 2.0 के लिए रोडमैप तैयार करना था। चर्चाओं में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सेवा वितरण को बेहतर करने और स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अंतर-राज्यीय सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल ने एक कार्यनीतिक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जिसमें पीएम-जेएवाई 2.0 और एबीडीएम 2.0 के तहत गहन एकीकरण और मापनीयता के दृष्टिकोण पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा, “यह समीक्षा डिजिटल स्वास्थ्य एकीकरण को गहन बनाने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। आयुष्मान भारत अपने चार मज़बूत स्तंभों के साथ 45 करोड़ से ज़्यादा लोगों को लाभान्वित कर चुका है। प्रगति में तेज़ी लाने के लिए, डिजिटल एकीकरण और नवाचार में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य प्राधिकरणों का नेतृत्व इसे दुनिया की सबसे बड़ी परिवर्तनकारी स्वास्थ्य योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
डॉ. बरनवाल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके अनुकरणीय दावा प्रबंधन प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, और लद्दाख को जीरो पेंडेंसी माह पहल के तहत सम्मानित किया गया।
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पूर्व सचिव और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट के अध्यक्ष श्री जे. सत्यनारायण ने कहा “हम एबीडीएम 2.0 रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमें दुनिया में शीर्ष पर ले जाएगी। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सर्वोत्तम और कार्यान्वयन योग्य विचारों की जरूरत है।”
इस अवसर पर, एनएचए ने भोपाल में पीएमजेएवाई और एबीडीएम राष्ट्रीय समीक्षा में अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 भी जारी की। इस रिपोर्ट में पीएमजेएवाई और एबीडीएम के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियों, नवाचारों और प्रगति पर प्रकाश डाला गया है और भारत की स्वास्थ्य सेवा वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में इन प्रमुख योजनाओं के प्रभाव को भी दर्शाया गया है।
पीएमजेएवाई में संयुक्त सचिव सुश्री ज्योति यादव ने पीएमजेएवाई के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रमुख प्रगति और प्रदर्शन की झलकियां प्रस्तुत कीं, जिसमें दावा प्रबंधन, लाभार्थी कवरेज, गतिशील पैनलीकरण और बेहतर पोर्टेबिलिटी में उपलब्धियां प्रदर्शित की गईं। उन्होंने सभी नागरिकों के लिए सुलभ, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु योजना के कुशल कार्यान्वयन और विस्तार को सुनिश्चित करने में राज्य नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पीएमजेएवाई 2.0 को आकार देने के लिए राज्यों के साथ गहन सहयोग की जरूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने पीएमजेएवाई 2.0 के एक ऐसे संस्करण की जरूरत बताई जो स्थानीय आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी हो, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हो और अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सक्षम हो।
एबीडीएम के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक श्री किरण गोपाल वासका ने एबीडीएम पर चर्चा का संचालन किया और स्वास्थ्य सेवा के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगामी एबीडीएम सूचकांक की घोषणा करते हुए कहा, “एबीडीएम सूचकांक जवाबदेही और नवाचार का एक प्रमुख प्रवर्तक होगा। स्वास्थ्य सेवा समन्वय आंकड़ों और सम्मान के बीच का सेतु है; पीएम-जेएवाई के साथ एबीडीएम का एकीकरण एक क्रांतिकारी कदम है।”
मध्य प्रदेश राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के सीईओ डॉ. योगेश तुकाराम भरसट ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और विचार-विमर्श की दिशा निर्धारित की, जबकि गेट्स फाउंडेशन के श्री संतोष मैथ्यू ने स्वास्थ्य सेवा समन्वय मॉडल प्रस्तुत किया , जिसमें एबीडीएम और पीएम-जेएवाई के बीच तालमेल पर ज़ोर दिया गया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जो डिजिटल स्वास्थ्य उन्नति के प्रति एक मज़बूत राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में एबीडीएम, पीएम-जेएवाई के अंतर्गत प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएं और डिजिटल स्वास्थ्य में परिवर्तन प्रबंधन की रणनीतियों पर विषयगत सत्र शामिल थे। चर्चाओं में राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी इकाई (एनएएफयू), जीरो पेंडेंसी माह पहल के परिणाम और एनएएफयू डैशबोर्ड का प्रदर्शन भी शामिल था।
इस समीक्षा के एक भाग के रूप में, डॉ. बरनवाल और श्रीमती यादव सहित एनएचए के अधिकारियों ने भोपाल में दो प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया:
- एम्स भोपाल: टीम ने मरीज की संपूर्ण डिजिटल यात्रा का अनुभव किया, जिसमें ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण, डॉक्टर परामर्श, ई-प्रिस्क्रिप्शन और निर्बाध डिजिटल भुगतान शामिल थे। टीम ने संस्थागत स्तर के डिजिटल एकीकरण में व्यावहारिक समझ भी प्राप्त की।
- सेहत सेतु-केयर इंटीग्रेशन प्रोग्राम कॉल सेंटर: अधिकारियों ने आपातकालीन कॉलों के समाधान और शिकायतों के प्रबंधन में इसके संचालन का निरीक्षण करने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यालय में कॉल सेंटर का दौरा किया।
सत्र के दूसरे दिन, अनुराग जैन ने एबीडीएम और पीएम-जेएवाई पहलों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा व्यवहार परिवर्तन और संस्थागतकरण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी हितधारकों, विशेष रूप से राज्य मशीनरी को, योजनाओं को अपनाने और आधिकारिक रिकॉर्ड बनाने के लिए उनका उपयोग करने में शामिल होना चाहिए।
अपने संबोधन के बाद, डॉ. बरनवाल ने पहले दिन की गतिविधियों का सारांश प्रस्तुत किया और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए योजना के कार्यान्वयन में सुधार और चुनौतियों से निपटने हेतु कार्ययोजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। अंत में, एनएचए के निदेशक (एबीडीएम) विक्रम पगारिया ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान में लागू की जा रही एबीडीएम की सर्वोत्तम प्रथाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया।
समीक्षा में डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को अपनाने और सेवा वितरण में सुधार लाने में राज्यों की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला गया। यह कार्यक्रम पीएम-जेएवाई 2.0 और एबीडीएम 2.0 के राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन और प्रभाव में तेज़ी लाने की प्रतिबद्धता की सामूहिक पुष्टि के साथ संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच एक मज़बूत सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहायक रहा, जिससे डिजिटल नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा वितरण में बदलाव लाने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय प्रयास को बल मिला।




