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India develops first indigenous antibiotic,
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भारत ने पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक विकसित की, जीन थेरेपी में भी सफलता हासिल की

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि दवा और बायोटेक्‍नॉलोजी क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता की दिशा में भारत ने महत्‍वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक दवा नेफिथ्रोमाइसिन विकसित कर ली है। नई दिल्ली में कल तीन दिवसीय चिकित्सा कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह एंटीबायोटिक दवा प्रतिरोधी श्वसन संक्रमणों को समाप्‍त करने के लिए प्रभावी है। उन्‍होंने बताया कि यह दवा विशेष रूप से कैंसर रोगियों और अनियंत्रित मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने एक अन्य प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धि – हीमोफीलिया के उपचार में जीन थेरेपी के सफल स्वदेशी नैदानिक ​​परीक्षण की भी जानकारी दी।

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