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Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan inaugurated the National FPO Samagam 2025 in Delhi
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025 का शुभारंभ किया

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में “राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025” का शुभारंभ किया। इस आयोजन में 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक प्रगतिशील किसान, एफपीओ, कार्यान्वयन एजेंसियां (IA) और क्लस्टर-आधारित व्यावसायिक संगठन (CBBO) शामिल हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने किसानों, एफपीओ सदस्यों और सहभागी संस्थाओं के प्रयासों की सराहना की और FPO के माध्यम से किसानों को उत्पादक के साथ ही व्यापारी और उद्यमी बनाने का भी आह्वान किया, ताकि पूरा लाभ सीधे किसानों को मिल सकें।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने देश के किसान हितों से कोई समझौता नहीं करने के दृढ़ संकल्प पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का किसानों की ओर से आभार माना। साथ ही कहा कि आजीविका के साथ ही देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खेती बहुत जरूरी है। शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के फायदे के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर हमारा फोकस है। अकेले अनाज से काम नहीं चलेगा, साथ में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य संबद्ध कार्य भी करना होंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि मंत्री के नाते मेरी चिंता है कि किसानों को उनकी कड़ी मेहनत से उगाई गई फसल की अच्छी कीमत मिलें, किसान दिन रात अथक परिश्रम करके अपनी फसल उगाते है, कई बार उन्हें समुचित कीमत नहीं मिलती, वहीं उपभोक्ताओं को अधिक कीमत पर ये खरीदना पड़ता है, इस अंतर को कम करना होगा।

शिवराज सिंह ने कहा कि हम सीड एक्ट भी जल्दी लाने वाले है, जिसमें प्रावधान होगा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज मिले। शिवराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि नकली और घटिया बीज और पेस्टीसाइड के मामले में सरकार सख्त है, हम कड़ा कानून लाएंगे और हमारे किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

शिवराज सिंह ने कहा कि किसान केवल उत्पादक नहीं रहें, बल्कि खेती के माध्यम से उद्यमी भी बन जाएं, किसान प्रोसेसिंग करके अपनी आय क्यों नहीं बढ़ा सकते। वैल्यू एडिशन की तरफ हमें तेजी से बढ़ना होगा।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने FPO से देश के छोटे किसानों के हित में गंभीरता से काम करने के साथ ही अपने सुझाव देने का अनुरोध किया और वचन दिया कि अच्छे सुझावों पर हम आवश्यक कार्यवाही अब अवश्य करेंगे। साथ ही, किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए सालभर के भीतर FPO का टर्नओवर बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की शिवराज सिंह ने अपील की, वहीं यह भी कहा कि विश्वसनीयता, गुणवत्ता बढ़ाने की भी जरूरत हो, ताकि सदस्य किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकें।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे। मंच पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त सचिव मनिंदर कौर द्विवेदी भी उपस्थित थी।

दिल्ली में हौज़ खास स्थित एनसीडीसी एवं एनसीयूआई परिसर में कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने उत्कृष्ट किसान उत्पादक संगठनों, सीबीबीओ और कार्यान्वयन एजेंसियों को उनके किसान संगठन, व्यवसाय और डिजिटल उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया।

विविध कृषि उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी

एफपीओ समागम में 267 एफपीओ द्वारा अपने अनाज, तिलहन, दालें, फल, सब्जियां, जैविक, प्रसंस्कृत व पारंपरिक उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई हैं। एनसीडीसी परिसर में कुल 57 स्टॉल्स पर केंद्रीय मंत्री चौहान ने किसानों से सीधा संवाद किया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। शिवराज सिंह ने एनसीडीसी परिसर में एफपीओ के सदस्य किसानों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का विस्तार से अवलोकन करते हुए किसानों के नवाचार, उत्पादों तथा उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी और विभिन्न राज्यों से आए एफपीओ प्रतिनिधियों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं, सफलताओं तथा आगे की योजनाओं के विषय में जानकारी ली। साथ ही, किसानों को तकनीक, बाजार व नवाचार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

विशेषज्ञों की मौजूदगी में तकनीकी सत्र

इस वृहद कार्यक्रम में तिलहन उत्पादन, जल उपयोग दक्षता, प्राकृतिक खेती, कृषि अवसंरचना कोष, शहद उत्पादन, डिजिटल मार्केटिंग, एगमार्क प्रमाणन, बीज उत्पादन जैसे अनेक तकनीकी सत्रों और पैनल चर्चाओं का आयोजन किया गया है, जिनमें कृषि विशेषज्ञ, उद्योग प्रतिनिधि और किसान जुड़े हैं।

किसान उद्यमिता और बाजार संपर्क को मिलेगा नया विस्तार

शुभारंभ के साथ ही एफपीओ, किसानों और क्रेता-विक्रेता के बीच संवाद हेतु समर्पित मंच तैयार किया गया, जिससे ग्रामीण उद्यमियों के लिए नए बाजार अवसर सुलभ होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उत्पादक, प्रदाता और भागीदार के रूप में और मजबूत करना है। यह आयोजन एफपीओ आंदोलन को नया मुकाम देने एवं कृषि क्षेत्र में समावेशी और नवाचारी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रहा है।

यह महत्वपूर्ण आयोजन मंत्री-किसान संवाद का सशक्त उदाहरण बना हैं, जिससे न केवल एफपीओ उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि नवीन विचारों का आदान-प्रदान होने से हमारे किसान भाइयों-बहनों को व्यापक लाभ होगा।

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