कैबिनेट ने हरित ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण ग्रेफाइट, सीज़ियम, रूबिडियम और ज़िरकोनियम खनिजों की रॉयल्टी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज की बैठक में सिजियम, ग्रेफाइट, रूबिडियम और जिरकोनियम की रॉयल्टी दर को निम्नानुसार विनिमय/संशोधित करने को मंजूरी दे दी है:
| खनिज पदार्थ | रॉयल्टी दर |
| सीज़िअम | उत्पादित अयस्क में निहित सीज़ियम धातु पर प्रभार्य सीज़ियम धातु के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का दो प्रतिशत |
| ग्रेफाइटअस्सी प्रतिशत या उससे अधिक निश्चित कार्बन के साथअस्सी प्रतिशत से कम निश्चित कार्बन के साथ | यथामूल्य आधार पर एएसपी का दो प्रतिशत यथामूल्य आधार पर एएसपी का चार प्रतिशत |
| रूबिडियम | उत्पादित अय्यक में निहित रूबिडियम धातु पर प्रभार्य रूबिडियम धातु के एएसपी का दो प्रतिशत |
केंद्रीय मंत्रिमंडल के उपरोक्त निर्णय से सीज़ियम, रूबिडियम और ज़िरकोनियम युक्त खनिज ब्लॉकों की नीलामी को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल इन खनिजों का उपयोग किया जा सकेगा, बल्कि उनके साथ पाए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लिथियम, टंगस्टन, आरईईएस, नाइओबियम आदि का भी उपयोग किया जा सकेगा। यथामूल्य आधार पर ग्रेफाइट की रॉयल्टी दरों का निर्धारण आनुपातिक रूप से सभी ग्रेडों में खनिज की कीमतों में परिवर्तन लाएगा। इन खनिजों के स्वदेशी उत्पादन में वृद्धि से आयात और आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों में कमी आएगी और देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
ग्रेफाइट, सीज़ियम, रुबिडियम और ज़िरकोनियम उच्च तकनीक अनुप्रयोगों और ऊर्जा संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण खनिज हैं। ग्रेफाइट और जिरकोनियम भी खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) में सूचीबद्ध 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों में से हैं।
ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी में एक महत्वपूर्ण घटक है। यह मुख्य रूप से एनोड सामग्री के रूप में काम आता है, इससे उच्च चालकता और चार्ज क्षमता सक्षम बनती है। हालांकि, भारत ग्रेफाइट की अपनी आवश्यकता का 60 प्रतिशत आयात करता है। वर्तमान में, देश में ग्रेफाइट की नौ खदानों में काम चल रहा है और 27 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी हो चुकी है। इसके अलावा, जीएसआई और एमईसीएल ने 20 से अधिक ग्रेफाइट ब्लॉक सौंपे हैं, इनकी नीलामी की जाएगी और लगभग 26 ब्लॉकों की खोज की जा रही है।
ज़िरकोनियम एक बहुमुखी धातु है, इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। इसमें परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य देखभाल और विनिर्माण शामिल हैं। असाधारण संक्षारण प्रतिरोध और उच्च तापमान स्थिरता के कारण सीज़ियम का उपयोग मुख्य रूप से उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में किया जाता है, विशेष रूप से परमाणु घड़ियों, जीपीएस सिस्टम, अन्य उच्च परिशुद्धता उपकरणों के साथ-साथ कैंसर चिकित्सा सहित अन्य चिकित्सा उपकरणों आदि में। रुबिडियम का उपयोग फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार प्रणाली, नाइट विजन उपकरणों आदि में उपयोग किए जाने वाले विशेष चश्मे बनाने में किया जाता है।
हाल ही में, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के छठे चरण के लिए 16 सितंबर, 2025 को एनआईटी जारी की है। इसमें ग्रेफाइट के पांच ब्लॉक, रुबिडियम के दो ब्लॉक और सीज़ियम और ज़िरकोनियम के एक ब्लॉक (विवरण संलग्न) भी शामिल हैं। रॉयल्टी की दर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की मंजूरी से बोली लगाने वालो को नीलामी में अपनी वित्तीय बोलियां तर्कसंगत रूप से जमा करने में मदद मिलेगी।
1 सितंबर, 2014 से ग्रेफाइट की रॉयल्टी दर रुपये प्रति टन के आधार पर विनिदष्ट की गई है। यह महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की सूची में एकमात्र खनिज है, इसकी रॉयल्टी दर प्रति टन के आधार पर निर्दिष्ट की गई थी। इसके अलावा, विभिन्न ग्रेडों में रॉयल्टी उपार्जन खनिज की कीमतों में परिवर्तन को आनुपातिक रूप से लाने के लिए सभी ग्रेड में ग्रेफाइट की कीमतों में भिन्नता को ध्यान में रखते हुए, ग्रेफाइट की रॉयल्टी को अब यथामूल्य आधार पर प्रभारित करने का निर्णय लिया गया है। हाल के वर्षों में, अधिकांश महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरें दो प्रतिशत से चार प्रतिशत की सीमा पर निर्दिष्ट की गई हैं।




