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Sixteenth Finance Commission submitted its report to the President for the recommendation period from 2026-27 to 2030-31
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सोलहवें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को 2026-27 से 2030-31 तक की अनुशंसा अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट सौंपी

सोलहवें वित्त आयोग का गठन भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के अनुसरण में किया गया था। डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने आज (17 नवंबर 2025) भारत के माननीय राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी। आयोग के सदस्य ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, टी. रबी शंकर और डॉ. सौम्या कांति घोष तथा आयोग के सचिव ऋत्विक पाण्डेय भी अध्यक्ष के साथ उपस्थित थे। इसके बाद आयोग ने आज माननीय प्रधानमंत्री और माननीय वित्त मंत्री को भी इसकी एक प्रति सौंपी।

विचारार्थ विषयों (टीओआर) के अनुसार, आयोग को 01 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच वर्षों की अवधि को शामिल करते हुए अपनी रिपोर्ट देने के लिए अधिदेश दिया गया था, जिसमें संघ और राज्यों के बीच करों की शुद्ध प्राप्तियों के वितरण के साथ-साथ राज्यों के बीच ऐसी प्राप्तियों के संबंधित हिस्सों के आबंटन, राज्यों को सहायता अनुदान, आपदा प्रबंधन पहलों के वित्तपोषण की व्यवस्था की समीक्षा आदि पर सिफारिशें की गई थीं।

तदनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान, आयोग ने संघ और राज्यों के वित्त का विस्तार से विश्लेषण किया और संघ, राज्य सरकारों, विभिन्न स्तरों पर स्थानीय सरकारों, पिछले वित्त आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, बहुपक्षीय संस्थानों, आयोग की सलाहकार परिषद और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट दो खंडों में तैयार की गई है जिसमें खंड-I में विचारार्थ विषयों के अनुसार सिफारिशें शामिल हैं और खंड-II में अनुलग्नक दिए गए हैं।

यह रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा अनुच्छेद 281 के तहत संसद में प्रस्तुत किए जाने के उपरांत सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध होगी।

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