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Karnataka GI-tagged Indi Lime (Indian lemon) has arrived in the Omani market with its first export consignment.
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कर्नाटक का जीआई-टैग प्राप्त ‘इंडी लाइम (भारतीय नींबू)’ पहली निर्यात खेप के साथ ओमान के बाजार में पहुंचा

भारत के कृषि निर्यात को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए, कर्नाटक के विजयपुरा जिले से जीआई-टैग प्राप्त ‘इंडी लाइम’ की 3 मीट्रिक टन (एमटी) मात्रा 19 दिसंबर 2025 को ओमान को निर्यात की गई। इसके साथ ही इस विशिष्ट खट्टे फल ने एक और वैश्विक बाजार में प्रवेश कर लिया।

ओमान को यह खेप भेजे जाने से पहले, 24 अगस्त 2025 को जीआई-टैग प्राप्त इंडी लाइम की 3-मीट्रिक टन(एमटी) की पहली निर्यात खेप दुबई भेजी गई थी। यूएई के बाजार में इस उत्पाद को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिसके परिणामस्वरूप दुबई को लगभग 12-एमटी का निर्यात किया गया, जो शुरुआती मात्रा से चार गुना अधिक है।

बाजार विविधीकरण के प्रयासों के तहत, जीआई-टैग प्राप्त इंडी लाइम की 350-किलोग्राम मात्रा को यूनाइटेड किंगडम भेजने के लिए भी एक और खेप को रवाना किया गया। अब तक विजयपुरा जिले से कुल मिलाकर लगभग 12.35-एमटी इंडी लाइम का निर्यात किया जा चुका है।

भारत–ओमान के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA)/मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को देखते हुए ओमान को इंडी लाइम का यह निर्यात और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करना और भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार तक पहुंच का विस्तार करना है। इससे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, पशु उत्पादों सहित कई प्रमुख क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे ओमानी बाजार में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। जीआई-टैग प्राप्त इंडी लाइम की सफल खेप सुदृढ़ व्यापार ढांचे के अंतर्गत भारतीय कृषि उत्पादों के लिए बढ़ते अवसरों को दर्शाती है।

अपनी विशिष्ट सुगंध, अधिक रस की मात्रा और लंबा शेल्फ लाइफ के लिए प्रसिद्ध इंडी लाइम की जीआई स्थिति ने इसे वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी रूप से स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) जीआई-टैग प्राप्त कृषि उत्पादों के प्रचार, ब्रांडिंग और निर्यात को सक्रिय रूप से समर्थन दे रहा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्षेत्र-विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देना और वैश्विक गुणवत्ता एवं पादप-स्वास्थ्य (फाइटोसैनिटरी) मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना है। विजयपुरा से जीआई-टैग प्राप्त इंडी लाइम के निर्यात से इस जीआई उत्पाद से जुड़े किसानों को प्रीमियम अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिली है, जिससे उनकी आय में सुधार हुआ है और घरेलू कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निर्भरता कम हुई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जीआई-टैग प्राप्त इंडी लाइम की लगातार सफलता उच्च गुणवत्ता वाले, क्षेत्र-विशिष्ट कृषि उत्पादों के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की क्षमता को सुदृढ़ करती है, इससे किसानों के लिए नए अवसर पैदा होते हैं और यह देश के कृषि-निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करती है।

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