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government said that more than 90 percent of the Aravalli region is protected and there is no immediate threat to the Aravalli ecosystem
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सरकार ने कहा– अरावली क्षेत्र का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा संरक्षित। अरावली की पारिस्थितिकी को तत्काल कोई खतरा नहीं

सरकार ने कहा है कि अरावली पर्वतमाला की पारिस्थितिकी को तत्काल कोई खतरा नहीं है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि अरावली पर्वतमाला देश के लिए प्राकृतिक धरोहर और पारिस्थितिक कवच है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की गलत व्याख्या की जा रही है। संवाददाताओं से बातचीत में भूपेंद्र यादव ने नागरिकों से अरावली के बारे में भ्रामक जानकारी नहीं फैलाने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि अरावली पर्वतमाला का कुल क्षेत्रफल 1 लाख 47 हजार वर्ग किलोमीटर है और खनन केवल शून्‍य दशमलव एक नौ प्रतिशत क्षेत्र में ही अनुमत है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, अरावली क्षेत्र का 90 प्रतिशत हिस्सा संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस संबंध में कोई छूट नहीं दी गई है।

अरावली में कोई भी रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है। टोटल अरावली 39 जिला में अरावली की पिटीशन 1985 से चल रही है। इस पिटीशन में चलने के बाद अरावली में मीनिंग के स्‍ट्रीक्‍ट नियम होने चाहिए इसके हम भी पूरी तरीके से समर्थन करते हैं। कुछ यूट्यूब चैनल ने और कुछ लोगों ने एक कन्फ्यूजन खड़ा कर दिया कि 100 मी का अर्थ होगा टॉप के 100 मीटर ऐसा नहीं है जो पर्वत का बेस स्ट्रक्चर है अगर वह जमीन के अंदर भी 20 मीटर है, वहां से लेकर 100 मीटर तक प्रोटेक्शन है।

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