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Under the India-New Zealand Free Trade Agreement, the 100 percent tariff on Indian exports will be eliminated.
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भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत के निर्यात पर लगने वाला 100 प्रतिशत शुल्क समाप्त

भारत और न्‍यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता-(एफटीए) वार्ता के बाद भारत द्वारा न्यूजीलैंड को निर्यात किए जाने वाले माल पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। मुक्‍त व्‍यापार समझौता दोनों देशों के बीच निवेश साझेदारी को उल्‍लेखनीय रूप से मज़बूत करेगा। इस समझौते के हिस्‍से के रूप में न्‍यूजीलैंड ने अगले पंद्रह सालों में भारत में बीस बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। एफटीए पर केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि हम जल्‍द ही कनाडा के साथ भी टर्म्‍स ऑफ रेफ्रेंस पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं।

यह फाइव आइज़ देशों के साथ हमारा तीसरा मुक्त व्यापार समझौता है–ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंग्डम के बाद अब न्यूज़ीलैंड के साथ। हम जल्द ही कनाडा के साथ भी टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं। वहीं अमरीका के साथ हमारी बातचीत पहले से ही उन्नत चरण में है, जो वैश्विक भू–राजनीति में भारत के बढ़ते रणनीतिक महत्व को दर्शाती है।

पीयूष गोयल ने बताया कि एफटीए किसानों, उद्योगपतियों, छात्रों और नवोन्‍मेषकों को व्‍यापार निर्माण में कई अवसर प्रदान करेगा। उन्‍होंने कहा कि यह समझौता एक बड़े रूप में व्‍यापार, पर्यटन, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा, नवोन्‍मेषक और सेवाक्षेत्रों विशेषकर किसानों के लाभ और डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की गुणवत्‍ता, उत्‍पादन और आय बढ़ाने में सहायता करेगा। पीयूष गोयल ने उल्‍लेख किया कि यह आपसी समझौता भारत और न्‍यूजि़लैंड की आर्थिक साझेदारी तथा आधुनिक भारत की एक विकसित राष्‍ट्र बनने की यात्रा में मजबूती प्रदान करेगा। नई पीढी की व्‍यापारिक साझेदार का प्रतिनिधित्‍व करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्‍व में तीसरा मुक्‍त व्‍यापार समझौता इस साल संपन्‍न हुआ। पीयूष गोयल ने कहा कि एफटीए विकसित भारत 2047 की परिकल्पना के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, समावेशी और लचीली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

न्यूज़ीलैंड के साथ यह मुक्त व्यापार समझौता व्यापार, शिक्षा, अनुसंधान और विकास तथा नवाचार को शामिल करता है। इसमें सेवाओं के क्षेत्र जैसे– पर्यटन और खेल को भी बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है। विशेष रूप से यह समझौता तकनीकी सहयोग के माध्यम से हमारे किसानों और डेयरी क्षेत्र को लाभ पहुँचाएगा, जिससे गुणवत्ता, उत्पादकता और किसानों व डेयरी कर्मियों की आय में वृद्धि होगी।

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