केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत ₹224 करोड़ से अधिक की अनुदान राशि जारी की
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की अनटाइड अनुदान की प्रथम किस्त के रूप में ₹224.5762 करोड़ की राशि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए जारी की है। यह अनुदान राज्य की 11279 पात्र ग्राम पंचायतों, 138 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 26 पात्र जिला पंचायतों के लिए है।
भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई)/ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त वर्ष के अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिसे वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। आवंटित अनुदान एक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किए जाते हैं। अनटाइड अनुदानों का उपयोग पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई)/ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस विषयों के अंतर्गत, वेतन और अन्य स्थापना व्ययों को छोड़कर, स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। टाइड अनुदानों का उपयोग (क) स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव के लिए किया जा सकता है, जिसमें घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन और उपचार, विशेष रूप से मानव मल और मल कीचड़ प्रबंधन शामिल होना चाहिए, और (ख) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है।





