दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और खराब मौसम के लिए जिम्मेदार 2023/24 अल नीनो के इस साल के अंत में ला नीना स्थिति में परिवर्तित होने का अनुमान है। यह जानकारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने दी है।
डब्ल्यूएमओ के अनुसार, दुनिया भर में लोगों ने अप्रैल का महीना अब तक का सबसे गर्म महीना और लगातार ग्यारहवें महीने रिकॉर्ड-उच्च तापमान का अनुभव किया। इसके अनुसार, पिछले 13 महीने में समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर रहा है।
डब्ल्यूएमओ ने कहा कि ऐसा प्राकृतिक रूप से होने वाले अल नीनो – मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में पानी के असामान्य रूप से गर्म होने – तथा मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैस द्वारा वायुमंडल और महासागर में फंसी अतिरिक्त ऊर्जा के कारण हो रहा है। अल नीनो का प्रभाव बना हुआ है लेकिन यह कमजोर हो रहा है। इसके प्रभाव के चलते भारत और पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया में लाखों लोगों ने अप्रैल और मई में भीषण गर्मी का सामना किया।
डब्ल्यूएमओ के ‘ग्लोबल प्रोड्यूसिंग सेंटर्स ऑफ लॉन्ग-रेंज फोरकास्ट’ के नवीनतम पूर्वानुमानों में जून-अगस्त के दौरान तटस्थ स्थितियां या ला नीना में परिवर्तित होने की समान संभावनाएं (50 प्रतिशत) बताई गई हैं। ला नीना स्थितियों की जुलाई से सितम्बर के दौरान संभावना 60 प्रतिशत तथा अगस्त से नवम्बर के दौरान 70 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
डब्ल्यूएमओ ने कहा कि इस दौरान अल नीनो के फिर से विकसित होने की संभावना नगण्य है। अल नीनो भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ा है, जबकि अल नीनो के विरोधी ला नीना के चलते मानसून के दौरान भरपूर बारिश होती है।
पिछले महीने, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया था और अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियां बनने की उम्मीद है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है क्योंकि 52 प्रतिशत खेती योग्य क्षेत्र इस पर निर्भर है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पेयजल के लिए जलाशयों को फिर से भरने में भी महत्वपूर्ण है।