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Vice Chief of Army Staff flagged off Drass Thunder Motorcycle Rally from Delhi to Kargil War Memorial
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उप सेना प्रमुख ने दिल्ली से कारगिल युद्ध स्मारक तक द्रास थंडर मोटर साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

ऑपरेशन विजय के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए, सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज नई दिल्ली के करिअप्पा परेड ग्राउंड से द्रास थंडर मोटरसाइकिल रैली को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ सेवारत अधिकारी, पूर्वसैनिक और नागरिक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

द्रास थंडर मोटरसाइकिल रैली में 13 जैक राइफल्स (कारगिल) के एक अधिकारी और 19 सैनिक शामिल हैं। टीम के सदस्य सूबेदार मेहर सिंह, वीर चक्र और नायब सूबेदार केवल कुमार, सेना पदक, ऑपरेशन विजय वीरता पुरस्कार विजेता हैं और उन्होंने प्‍वाइंट 4875 और प्‍वाइंट 5140 पर कब्जा करने में सक्रिय रूप से भाग लिया था।

द्रास थंडर मोटरसाइकिल रैली नई दिल्ली के करिअप्पा परेड ग्राउंड से कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास तक की यात्रा पर रवाना होगी और यह कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती समारोह का हिस्सा है। इस रैली का उद्देश्य भारतीय सेना के बहादुरों को श्रद्धांजलि देना है, जिन्होंने 25 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान विजय हासिल की थी। इस उद्देश्य की भावना के साथ मोटरसाइकिल रैली चुनौतीपूर्ण इलाकों से 1029 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जो युद्ध के मैदान में भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित भावना और दृढ़ संकल्प को प्रतिध्वनित करेगी। यह अनूठी पहल युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि देने का प्रयास करती है और रास्ते में प्रमुख संस्थानों में प्रेरक वार्ता आयोजित करके युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास करती है। यह दल रास्ते में 100 से अधिक वीरता पुरस्कार विजेताओं, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों से मुलाकात करेगा और ऑपरेशन विजय में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करेगा।

इस मोटरसाइकिल रैली का समापन 20 जून, 2024 को ऐतिहासिक कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास में होगा। 25 साल पहले इसी दिन भारतीय सेना ने पवाइंट 5140 पर कब्जा करके इतिहास के पन्‍नों में एक अमिट छाप छोड़ी थी। सूबेदार मेहर सिंह, वीर चक्र और नायब सूबेदार केवल कुमार, सेना पदक ने दुश्मन के खिलाफ अपार साहस और वीरता दिखाई थी और कारगिल युद्ध के दौरान रणनीतिक चोटियों पर कब्जा करने में सक्रिय रूप से भाग लिया था, जिसने दुश्मन के खिलाफ निर्णायक रूप से मोर्चा खोल दिया था। कारगिल युद्ध में वीरता से लड़ने वाले और पवाइंट 5140 पर कब्जा करने के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले स्वर्गीय लांस नायक रणबीर सिंह के पुत्र राहुल मन्हास भी इस मोटरसाइकिल रैली का हिस्सा हैं।

13 जैक राइफल्स (कारगिल) ने दो प्रमुख युद्धों, 1971 के भारत-पाक युद्ध और ऑपरेशन विजय में सक्रिय रूप से भाग लिया है। इस यूनिट ने ऑपरेशन विजय के दौरान अपने गौरव के शिखर को हासिल किया, जब अनुकूलन के केवल तीन दिनों के बाद, यूनिट ने क्रमशः पवाइंट 5140 और पवाइंट 4875 पर तिरंगा फहराया, जो द्रास और मुशकोह घाटियों के अहम हिस्‍सा थे। ऑपरेशन विजय में अपने वीरतापूर्ण प्रदर्शन के लिए, 13 जैक राइफल्स (कारगिल) को दो परम वीर चक्र, आठ वीर चक्र, 14 सेना पदक और दो मेंशन-इन-डिस्पैच के अलावा “बैटल ऑनर्स”-“द्रास” और “मुशकोह” और “थिएटर ऑनर्स”-“कारगिल” से सम्मानित किया गया है। इस यूनिट को थल सेना प्रमुख द्वारा यूनिट प्रशस्ति पत्र और ब्रेवस्ट ऑफ द ब्रेव की प्रतिष्ठित उपाधि से भी सम्मानित किया गया है।

यह अनूठी यात्रा सशस्त्र बलों और राष्ट्र के बीच स्थायी बंधन का प्रतीक है, जो साहस, त्याग और देशभक्ति की भावना के साथ प्रतिध्वनित होती है।

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