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Union Health Minister Nadda reviewed the situation of severe heat and the preparedness of the central hospitals
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने लू की स्थिति और लू से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने आज यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश भर में लू की स्थिति और लू से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अस्पताल हीटवेव से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए तैयार रहें।

जे.पी. नड्डा ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में विशेष हीटवेव यूनिट्स शुरू करने का भी निर्देश दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के तहत आज स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है।

हीट वेव सीज़न 2024 पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के लिए एडवाइजरी:

गर्मियों के तापमान के देखे गए ट्रेंड के अनुरूप देश में मौसमी अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी से होने वाले के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए, स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी होगी।

राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के तहत राज्य नोडल अधिकारियों को निम्नलिखित गतिविधियाँ सुनिश्चित करनी होंगी:

1. सभी जिलों में निम्नलिखित दिशानिर्देशों का प्रसार:

  • गर्मी से संबंधित बीमारियों पर राष्ट्रीय कार्य योजना, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
  • भारत में गर्मी से संबंधित बीमारियों (एचआरआई) के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को मजबूत करना
  • हीटवेव की रोकथाम और प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देश।

2. हीट-हेल्थ एक्शन प्लानराज्य स्तर पर जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य कार्य योजना का एक चैप्टरको लागू करें

  • केंद्रित तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए जिला-विशिष्ट और शहर-स्तरीय ताप-स्वास्थ्य कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सहायता करें।

3. जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य और जिला टास्क फोर्स के साथ बैठक

  • राज्य/जिला स्तर पर हीट हेल्थ एक्शन प्लान को अपडेट करने और अनुमोदन के लिए एक टास्क फोर्स की बैठक आयोजित करें। इस योजना में ‘मानक संचालन प्रक्रियाओं’ (एसओपी)  का विवरण होना चाहिए जो हीटवेव के मौसम के दौरान लागू होंगी।
  • तैयार किए गए हेल्थ सेक्टर हीट एक्शन प्लान को जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसीएचएच) में शामिल किया जाएगा और इसकी एक कॉपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) या राहत आयुक्त विभाग को हीटवेव पर राज्य कार्य योजना में शामिल करने के लिए भेजी जा सकती है।

4. गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत रिपोर्टिंग

  • जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत आईएचआईपी पोर्टल पर 1 मार्च, 2024 से हीटस्ट्रोक के मामलों और मौतों, आपातकालीन उपस्थिति और कुल मौतों पर दैनिक डेटा जमा करना शुरू करें।
  • पी-फॉर्म स्तर पर एंट्री का उपयोग करके निर्दिष्ट फॉर्म (कुल/रोगी-स्तर) के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं, पीएचसी और उससे ऊपर का डेटा जमा करें
  • स्वास्थ्य सुविधा/अस्पताल स्तर पर हीटस्ट्रोक के मामलों और मौतों (संदिग्ध/पुष्टि) की डिजिटल लाइन सूची का दिए गए प्रारूप में रखरखाव सुनिश्चित करें।
  • गर्मी से संबंधित बीमारी से होने वाली प्रत्येक संदिग्ध मौत की जांच चिकित्सा अधिकारी/महामारी विशेषज्ञ द्वारा “संदिग्ध गर्मी से संबंधित बीमारी से मौत की जांच” करें (संलग्न) (गर्मी से संबंधित बीमारी पर राष्ट्रीय कार्य योजना, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याम मंत्रालय में विवरण) द्वारा की जाए ताकि संदिग्ध एचआरआई मौत के आसपास की परिस्थितियों को समझा जा सके।

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