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Hands-on Training Workshop on e-Sakshi Portal for Revised Fund Flow Process under MPLADS Scheme for Master Trainers of all StatesUTs
भारत

सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मास्टर प्रशिक्षकों हेतु एमपीलैड योजना के अंतर्गत संशोधित निधि प्रवाह प्रक्रिया हेतु ई-साक्षी पोर्टल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा दिनांक 20 और 21 जून 2024 को नई दिल्ली में एमपीलैड योजना के अंतर्गत संशोधित निधि प्रवाह प्रक्रिया के लिए ई-साक्षी पोर्टल पर दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और जिला अधिकारीयों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

एमपीलैड योजना के तहत प्रत्येक संसद सदस्य (एमपी) को 5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाती है और वे स्थानीय स्तर पर महसूस की गई जरूरतों पर आधारित टिकाऊ समुदाय परिसंपत्ति का सृजन करने के लिए विकास कार्यों की अनुशंसा कर सकते हैं। योजना का लगभग 4000 करोड़ रुपये का वार्षिक परिव्यय है जिसका उपयोग जिला प्राधिकारियों द्वारा संस्वीकृत संशोधित कार्यों के कार्यान्वयन के लिए किया जाता है। एमपीलैड्स दिशा-निर्देशों को 1 अप्रैल 2023 से संशोधित किया गया है और ई-साक्षी पोर्टल शुरू किया गया है, जो एमपीलैड्स योजना के कुशल और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए एक संपूर्ण समाधान है।

इससे पहले, माननीय सांसदों द्वारा कार्यों की संस्तुति से लेकर जिला प्राधिकारियों द्वारा कार्यों की संस्वीकृति और कार्यान्वयन एजेंसियों को भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया मैन्युअल रूप से की जाती थी और अपेक्षित कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही माननीय सांसदों को प्राधिकार जारी किए जाते थे। नई प्रणाली में,पात्रताओं की निर्मुक्ति को सुव्यवस्थित किया गया है और वित्तीय वर्ष की शुरुआत में एक बार में 5 करोड़ रुपये का प्राधिकार जारी किया जाता है।वास्तविक खातों से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के परिवर्तन ने फंड जारी करने में पूर्व शर्तों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिससे चपलता बढ़ी है और नौकरशाही की बाधाएं कम हुई हैं। सांसद अब एक क्लिक और ओटीपी-आधारित सत्यापन प्रणाली के माध्यम से परियोजनाओं की डिजिटल रूप से सिफारिश, देख और समीक्षा कर सकते हैं। वे मोबाइल ऐप के माध्यम से चलते-फिरते कार्यों की सिफारिश भी कर सकते हैं। जिला प्राधिकारी कार्यों को मंजूरी दे सकते हैं और कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा कार्यान्वयन की निगरानी कर सकते हैं। जिला अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद पोर्टल पर कार्यों के पूरा होने का प्रमाण अपलोड करने पर कार्यान्वयन एजेंसियों को सीधे भुगतान किया जाता है। सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध डैशबोर्ड के माध्यम से ई-साक्षी पोर्टल पर कार्यों और निधि उपयोग की वास्तविक समय दृश्यता और ट्रैकिंग, योजना कार्यान्वयन में बढ़ी हुई पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने एमपीलैड योजना के सफल कार्यान्वयन में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एमपीलैड योजना देश के नागरिकों को सीधे प्रभावित करती है और इस योजना के प्रभाव को प्रभावी ढंग से लागू करने, निगरानी करने और विश्लेषण करने के लिए पोर्टल का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचे।

कार्यशाला के दौरान, सां. और कार्य. कार्या. मंत्रालय का एमपीलैड प्रभाग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों लगभग 150 मास्टर प्रशिक्षकों को ई-साक्षी पोर्टल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। कार्यशाला का लक्ष्य उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल देना है। मास्टर प्रशिक्षक पूरे देश में योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 785 जिलों में जिला अधिकारियों के साथ-साथ 15000 से अधिक कार्यान्वयन एजेंसियों को सुग्राही बनाने और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

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