कोयला मंत्रालय ने आज वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की 10वीं किस्त का शुभारंभ किया। इसमें कुल 67 कोयला खदानों को नीलामी के लिए पेश किया गया। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने हैदराबाद में तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कोयला तथा खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे की उपस्थिति में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की 10वीं किस्त का शुभारंभ किया।
नीलामी के लिए पेश की गईं ये 67 कोयला खदानें बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना राज्यों में फैली हुई हैं। इनमें पूरी तरह से खोजी गई और आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के साथ ही 3 कोकिंग कोयला खदानें भी शामिल हैं।
कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र को तीव्र गति से विकसित करने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। 10वें चरण के लिए भी, संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, महत्वपूर्ण आवासों, 40% से अधिक वन क्षेत्र, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को इस नीलामी से बाहर रखा गया है। कुछ वैसे कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाओं को संशोधित किया गया है, जहां घनी बस्तियां, उच्च हरित क्षेत्र या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा आदि मौजूद थे। इसका उद्देश्य कोयला खदानों को पहले से और भी आकर्षक बनाना है।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सभी उद्योगों के लिए जीवन रेखा के रूप में कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने में इसके महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोयला क्षेत्र में काम करने वाले सभी उद्यमियों को राष्ट्र के विकास में सहयोग करना चाहिए और सामूहिक प्रयास करके तथा कोयले के आयात पर निर्भरता को कम करके भारत को कोयले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के विज़न को साकार करने में जुट जाना चाहिए। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास के लिए घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने के महत्व को दोहराया। कोयला क्षेत्र में आगे बढ़ने की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज के हमारे प्रयास भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे। इस अवसर पर यह भी बताया गया कि नीलाम किए गए कोयला ब्लॉकों से प्राप्त राजस्व संबंधित राज्य सरकार को जाता है।
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने कोयला मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश को कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला मंत्रालय लगन से काम कर रहा है। मंत्रालय के प्रयासों के तहत कोयले के विदेशी आयात में उल्लेखनीय कमी लाई गई है और पिछले वित्तीय वर्ष में देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करते हुए लगभग 1 बिलियन टन (बीटी) कोयले का उत्पादन किया गया है।
कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने व्यापार करने में आसानी (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) में सुधार करके कोयला ब्लॉक आबंटियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि कोयला क्षेत्र को पहले से और आकर्षक बनाने के लिए कोयला उद्योग से जुड़े दिग्गजों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं ली जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने कोयला क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में कोयला खनन क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया।
कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा ने अपने मुख्य भाषण में बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने पर ख़ास जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्पादन में वृद्धि को लेकर श्रमिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर जोर दिया। पारदर्शिता के उच्च मानकों को बनाए रखना भी एक मुख्य बिंदु था, जिसमें परितंत्र पर कोयला खनन के प्रभाव को कम करने के लिए कड़े पर्यावरण स्थिरता उपायों का पालन करने पर जोर दिया गया। अमृत लाल मीणा ने कोयला क्षेत्र के भीतर व्यापार करने में आसानी को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्य स्तर पर भी ठोस मदद का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की मदद एक ऐसे अनुकूल व्यावसायिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है जो निवेश को आकर्षित कर सकता है और सुचारू कामकाज की सुविधा प्रदान कर सकता है।
कोयला मंत्रालय के अपर सचिव और नामित प्राधिकरण एम नागराजू ने कोयले की बढ़ती मांग के कारण अधिक कोयला ब्लॉक की खोज करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और विभिन्न उद्योगों को टिकाऊ कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी निवेश और निजी विशेषज्ञता का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है। खोज के लिए अधिक कोयला ब्लॉक खोलने और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने से कोयला क्षेत्र उच्च उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में योगदान देगा।
निविदा दस्तावेज़ की बिक्री आज यानी 21 जून, 2024 से शुरू होगी। खदानों, नीलामी की शर्तों, समयसीमा आदि का विवरण एमएसटीसी नीलामी मंच और कोयला मंत्रालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। नीलामी प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर दो चरण में पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।