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IICA inaugurates three-day Directors Certification Master Class in Ooty, Tamil Nadu
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IICA ने तमिलनाडु के ऊटी में तीन दिवसीय डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन मास्टर क्लास का उद्घाटन किया

भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के शीर्ष थिंक टैंक भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) ने 10 जुलाई 2024 को तमिलनाडु के ऊटी में अपने उद्योग-अग्रणी डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन मास्टर क्लास का उद्घाटन किया। 10 से 12 जुलाई 2024 तक आयोजित मास्टर क्लास में भारत भर के अग्रणी संगठनों के बोर्डों का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 से अधिक प्रतिभागी अपने कॉरपोरेट प्रशासन कौशल को बढ़ाने के लिए जुटे हैं।

उद्घाटन सत्र में नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए) के अध्यक्ष और आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ डॉ. अजय भूषण पांडे, टाटा स्टील और जीई पावर सहित कई कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक नीरा सग्गी, बोर्ड के अध्यक्ष, ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष और कई प्रमुख संगठनों में स्वतंत्र निदेशक शैलेश हरिभक्ति ने भाग लिया।

उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. पांडे ने अकॉउटिंग प्रोफेशनल्स, ऑडिटर्स और स्वतंत्र निदेशकों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल शुरू करने के लिए आईआईसीए और एनएफआरए के बीच एक नई सहयोगी पहल पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मजबूत कॉरपोरेट क्षेत्र का आधार मजबूत कॉरपोरेट प्रशासन है,” उन्होंने सतत विकास में इसके महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया।

अपने मुख्य भाषण में डॉ. अजय भूषण पांडे ने आज की अर्थव्यवस्था और समाज में कॉरपोरेट प्रशासन की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला और कॉरपोरेट अखंडता और स्थिरता बनाए रखने में ऑडिट समितियों और स्वतंत्र अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नियामक ढांचे के विकास को दर्शाने के लिए क्रुगर एंड टोल और मैककेसन एंड रॉबिन्स जैसे ऐतिहासिक मामलों का उल्लेख किया।

डॉ. पांडे ने कॉरपोरेट प्रशासन में पांच प्रमुख बचावों प्रबंधन, ऑडिट समितियां, स्वतंत्र निदेशक, वित्तीय रिपोर्टिंग ढांचे और ऑडिटर्स, निवेशक/शेयरधारक और ऋणदाता, और एनएफआरए जैसे स्वतंत्र नियामक को रेखांकित किया। उन्होंने ऑडिट समितियों से प्रमुख ऑडिट मानकों के साथ गहराई से जुड़ने और एनएफआरए के अनुशासनात्मक आदेशों की नियमित रूप से समीक्षा करने का आग्रह किया।

इसके अलावा उन्होंने प्रमुख लेखापरीक्षा मामलों (केएएम) और एम्फैसिस ऑफ मैटर्स (ईओएम) के महत्व पर जोर दिया, पारदर्शी रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए लेखापरीक्षकों के साथ सक्रिय जुड़ाव की वकालत की।

डॉ. पांडे ने शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए कॉरपोरेट बोर्डों की प्राथमिक जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने निदेशकों को एनएफआरए की समीक्षा रिपोर्ट और अनुशासनात्मक आदेशों से खुद को परिचित करने की सिफारिश की। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के हीली और पालेपु को उद्धृत करते हुए उन्होंने निवेशकों को कंपनी की आर्थिक वास्तविकता की स्पष्ट समझ देने के लिए लेखापरीक्षा समितियों को ‘पारदर्शिता समितियों’ में विकसित करने का सुझाव दिया।

ये पाठ्यक्रम, जो चार्टर्ड एकाउंटेंट के लिए निरंतर व्यावसायिकता सीखने की आवश्यकताओं की ओर गिने जाएंगे, जो ऑडिटर और स्वतंत्र निदेशकों को विविध शेयरधारक आधार वाली बड़ी कंपनियों का प्रबंधन करने और वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑडिटर और एकाउंटेंट के लिए नौ महीने के पाठ्यक्रम शामिल होंगे, जिसमें सप्ताह में दो से तीन दिन ऑनलाइन कक्षाएं होंगी और स्वतंत्र निदेशकों के लिए तीन से छह महीने तक चलने वाले छोटे पाठ्यक्रम होंगे। शीर्ष उद्योग विशेषज्ञों के इनपुट के साथ विकसित, इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य व्यावहारिक और मूल्यवान सीखने के अनुभव प्रदान करना है।

डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन मास्टर क्लास अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें प्रतिष्ठित वक्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा संचालित सत्र शामिल होंगे। उल्लेखनीय वक्ताओं में थर्मैक्स लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक नौशीर मिर्जा; टाटा समूह के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर विवेक तलवार; प्रोटिविटी इंडिया के प्रबंध निदेशक पुनीत गुप्ता; एलआईसी ऑफ इंडिया के स्वतंत्र निदेशक डॉ. अनिल कुमार; बोर्ड सलाहकार सीए मोहन आर. लवी; और फिनो पेमेंट्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेंद्र चौहान; आईसीएसआई के पूर्व अध्यक्ष नागेंद्र राव और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एमडी और सीईओ पीएस जयकुमार शामिल हैं।

सीखने और सहयोग के माहौल को बढ़ावा देने, प्रतिभागियों को निदेशकों और शासन पेशेवरों के रूप में अपनी भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए – इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का नेतृत्व आईआईसीए में स्कूल ऑफ कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड पब्लिक पॉलिसी (एसओसीजीपीपी) के प्रमुख डॉ. नीरज गुप्ता द्वारा किया गया है, और आईआईसीए के मुख्य कार्यक्रम कार्यकारी मनोज सिंह और मैथ्यू जॉन द्वारा समर्थित है।

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