अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित बताया है। अडानी समूह ने कहा कि अमरीकी शोध और निवेश कंपनी की यह रिपोर्ट तथ्यों और वैधानिक आधार से परे है और व्यक्तिगत लाभ के लिये है। अडानी समूह ने कहा कि वह इन आरोपों का पूरी तरह खंडन करता है। इन दावों की पूरी जांच हो चुकी है और सर्वोच्च न्यायालय ने इन्हें पहले ही खारिज कर दिया है।
सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने भी अपने खिलाफ लगाए गए हिंडनबर्ग के आरोपों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इन आरोपों को चरित्र हनन का प्रयास बताया क्योंकि पिछले महीने ही अमरीकी कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। भारतीय म्यूचुअल फंड संघ ने कहा कि हिंडनबर्ग बाजार का भरोसा तोड़ने और विश्व की सबसे तेज गति से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था के प्रगति पथ में अनावश्यक व्यवधान डालने की कोशिश कर रहा है। भारतीय म्युचुअल फंड संघ ने कहा कि सेबी की अध्यक्ष पर आरोप न केवल भारतीय पूंजी बाजार में उनके योगदान को नजरअंदाज करता है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति को भी कम करके आंकता है।
हिंडनबर्ग के दावों में सही संदर्भ और भारतीय नियामक तंत्र के प्रति समझ का अभाव है। इसका उद्देश्य कठिन परिश्रम से अर्जित देश की उपलब्धियों को धूमिल करना है। उद्योग निकाय ने कहा कि बाजार नियामक सेबी ने ऐसा सक्रिय बाजार सृजित किया है, जिसमें स्थानीय और वैश्विक निवेशकों का पूरा भरोसा है। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने हिंडनबर्ग के दावों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी मंशा भारत के शेयर बाजारों को अस्थिर करना है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिये वैश्विक स्तर पर प्रयास हो रहा है।इन्फोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दास पाई ने कहा कि सेबी प्रमुख के खिलाफ आरोप बेतुके और बेबुनियाद हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश बताया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में कार्यकारी निदेशक के.वी. सुब्रमण्यम ने माधबी बुच की असंदिग्ध निष्ठा का समर्थन करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में तथ्यों का अभाव है।