कृषि मंत्रालय ने विशेष स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के लिए प्रमुख सरकारी योजनाओं के 500 से अधिक किसान लाभार्थियों को आमंत्रित किया
कृषि मंत्रालय ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर, खेतों के नायकों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष दो-दिवसीय कार्यक्रम के लिए 1,000 से अधिक किसानों और उनके जीवनसाथियों को आमंत्रित किया। इन किसानों में पीएम-किसान सम्मान निधि योजना, पीएम फसल बीमा योजना और एफपीओ प्रतिनिधियों जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी शामिल हैं।
15 अगस्त को, कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बातचीत के लिए विशेष आमंत्रित व्यक्ति पूसा स्थित सुब्रमण्यम हॉल में एकत्रित होंगे। इस कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी भी शामिल होंगे।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) का शुभारंभ करेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की यह डिजिटल पहल समय पर और सटीक कीट प्रबंधन सलाह देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करती है। इस प्रणाली में उपयोगकर्ता के अनुकूल एक मोबाइल ऐप और एक वेब पोर्टल शामिल है, जो सभी किसानों के लिए सुलभता सुनिश्चित करता है।
तत्काल डेटा और उन्नत विश्लेषण का लाभ उठाकर, एनपीएसएस कीट की सटीक पहचान, निगरानी, प्रबंधन को सक्षम बनाता है। एनपीएसएस से किसानों को बहुत लाभ होगा, क्योंकि यह कीटों के हमलों और फसल रोगों के लिए त्वरित समाधान प्रदान करता है, फसल के नुकसान को कम करता है और इस प्रकार उत्पादकता में सुधार करता है। प्रणाली का व्यापक कीट घटना डेटा और स्वचालित सलाह किसानों को कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के साथ सशक्त बनाएगी, जिससे उन्हें सुविचारित निर्णय लेने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय करने में मदद मिलेगी।
एनपीएसएस का शुभारंभ होना भारत में कृषि को आधुनिक बनाने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और खेती की टिकाऊ कार्य प्रणालियों का समर्थन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की परिचायक है।
समृद्ध अनुभव के लिए, 14 अगस्त, 2024 को किसानों के लिए प्रसिद्ध पूसा परिसर का एक व्यापक क्षेत्र दौरा आयोजित किया गया, जिससे किसानों को वैज्ञानिकों के साथ सीधे बातचीत करने में सुविधा हुई।
किसानों को वैज्ञानिकों के साथ जोड़ने के उद्देश्य से आईएआरआई-पूसा परिसर में ग्रीन हाउस सजावटी नर्सरी, ड्रिप सिंचाई के तहत सब्जी की खेती, मशरूम यूनिट आईएफएस-वर्षा आधारित प्रणाली, पोषक तत्व प्रबंधन प्लॉट, फार्म मशीनरी वर्कशॉप, पर्ल मिलेट ब्लॉक, चावल ब्लॉक, कंपोस्टिंग यूनिट आदि सहित विभिन्न क्लस्टरों और ब्लॉकों के माध्यम से मार्गदर्शन किया गया।
इस क्षेत्रीय दौरे का उद्देश्य किसानों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और खेती की टिकाऊ पद्धतियों की प्रत्यक्ष समझ प्रदान करना था, ताकि उनकी कृषि पद्धतियों में सुधार हो सके और उन्हें बेहतर आय के अवसर प्राप्त हो सकें।