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APEDA and Government of Arunachal Pradesh organized International Conference cum Buyer-Seller Meet at Tawang, Arunachal Pradesh
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APEDA और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने तवांग, अरुणाचल प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश और भारत के व्यापक पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए अरुणाचल प्रदेश के तवांग में कलावांगपो कन्वेंशन हॉल में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक (आईबीएसएम) का आयोजन किया।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने मुख्य भाषण में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास, किसानों की आजीविका बढ़ाने, स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई और आसियान देशों में जीआई टैग वाले खाव ताई चावल (जिसे खामती चावल के नाम से जाना जाता है), मंदारिन संतरे, कीवी, सेब, पर्सिमोन, याक चीज (चुरपी) के कृषि-निर्यात को बढ़ाने की परिकल्पना की। उन्होंने घरेलू और अंतर्‌राष्ट्रीय खरीदारों को राज्य के लिए वरदान बनने और राज्य की अप्रयुक्त क्षमता में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अरुणाचल प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री गेब्रियल डेनवांग वांगसू ने राज्य के किसानों में जागरूकता पैदा करने और उनकी क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनके कृषि उत्पादों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने राज्य के बेहतरीन कीवी, मंदारिन संतरे, सेब, अखरोट और वाइन जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन में उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए क्षेत्र के किसानों की सराहना की।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता विक्रेता बैठक (बीएसएम) में अरुणाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव (सीएस) मनीष गुप्ता, भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय सचिव सिराज हुसैन और एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव सहित केंद्र और भारत सरकार के कई अधिकारी भी मौजूद थे।

एपीडा अध्यक्ष अभिषेक देव ने प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी के लिए अरुणाचल प्रदेश से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/ किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि बाजार तक पहुंच, प्रचार और आउटरीच हो सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि एपीडा और अरुणाचल प्रदेश सरकार अरुणाचल प्रदेश से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के लिए केंद्रित कृषि उत्पादों की पहचान और विकास, बुनियादी ढांचे के विकास, किसानों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी), महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), स्टार्ट-अप और क्षेत्र के निर्यातकों के साथ-साथ राज्य से कृषि उपज और मूल्य वर्धित उत्पादों की ब्रांडिंग और अंतर्राष्ट्रीय प्रचार के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक में संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल और भूटान सहित 3 देशों के 11 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के बीच असम, महाराष्ट्र, दिल्ली, हैदराबाद, कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल सहित 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के 17 भारतीय निर्यातकों के साथ सीधी बातचीत संभव हुई। देश भर के निर्यातकों ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अरुणाचल प्रदेश के 50 से अधिक एफपीओ और 200 किसानों के साथ बातचीत की और कृषि उपज की गुणवत्ता, उपलब्धता और उत्पादन मात्रा को समझा।

एपीडा ने नीति निर्माताओं, खरीददारों, निर्यातकों, प्रदर्शकों, उद्योग के नेताओं और जैविक उत्पाद, बाजरा, शहद, ताजे फल और सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य, मसाले और चाय जैसे प्रमुख क्षेत्रों के विशेषज्ञों के बीच सार्थक व्यापार चर्चाओं की सुविधा प्रदान की, जिसका उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश के कृषि-व्यवसाय और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात क्षेत्रों की क्षमता को खोलना था।

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित पूर्वोत्तर” के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, भारत सरकार वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, अरुणाचल प्रदेश सरकार और एपीडा के माध्यम से निकट समन्वय में काम कर रही है।

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