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APEDA facilitates first shipment of MD2 variety of pineapples from India to UAE
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एपीडा ने भारत से UAE को एमडी2 किस्म के अनानास की पहली खेप भेजना आसान किया

भारत के ताजे फलों के निर्यात क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को एमडी2 किस्म के अनानास की पहली खेप के सफल निर्यात की सुविधा प्रदान की।

एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने एपीडा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आई.सी.ए.आर-सी.सी.ए.आर.आई.) के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बहुमूल्य एमडी2 किस्म के अनानास की 8.7 मीट्रिक टन (650 डिब्बे) की खेप को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई।

अभिषेक देव ने कहा, “यह भारत के कृषि निर्यात इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो उच्च गुणवत्ता वाले अनानास का उत्पादन और वैश्विक बाजारों में इसकी आपूर्ति करने की हमारी क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि अनानास की एमडी2 किस्म अपनी असाधारण मिठास और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है, और हम इसे संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में पेश करने को लेकर रोमांचित हैं।

एमडी2 अनानास को “गोल्डन रिप” या “सुपर स्वीट” के रूप में भी जाना जाता है। यह अनानास उद्योग में स्वर्ण मानक बन गया है। प्रमुख रूप से इसकी खेती कोस्टा रिका, फिलीपींस और थाईलैंड जैसे देशों में होती है।

महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग जिले में उत्पादित एमडी2 अनानास के लिए आई.सी.ए.आर.- सी.सी.ए.आर.आई. ने फसल की कटाई के बाद के प्रबंधन और समुद्री प्रोटोकॉल के विकास के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की। एक निजी फर्म ने स्थानीय किसानों के साथ साझेदारी में 200 एकड़ में अनानास के इस किस्म को सफलतापूर्वक उगाया, जिससे इष्टतम गुणवत्ता और उपज सुनिश्चित हुई।

कटाई किए गए अनानास को सावधानीपूर्वक वर्गीकृत किया गया, छांटा गया, पैक किया गया और नवी मुंबई के पनवेल में संग्रहित किया गया। वहां से, अनानास की इस खेप को संयुक्त अरब अमीरात भेजने से पहले जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जे.एन.पी.टी.) ले जाया गया।

एपीडा भारत से ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखे हुए है। एमडी2 अनानास का यह पहला परीक्षण शिपमेंट एपीडा की निर्यात उपलब्धि में पर्याप्त वृद्धि का संकेत देता है, जिससे वैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति बढ़ती है।

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