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APEDA ने व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों और वैश्विक प्रचार के साथ बाजरा निर्यात को बढ़ावा दिया

वाणिज्य विभाग ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के जरिए बाजरे के बारे में जागरूकता, उपयोग और निर्यात में बढ़ोतरी के लिए व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों और बाजरा सम्मेलनों का आयोजन किया। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के अंतर्गत, भारतीय दूतावासों/ मिशनों और सरकारी विभागों के साथ मिलकर कई गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में बाजरे पर आधारित भागीदारी, नमूनाकरण कार्यक्रम, बाजरा दीर्घाएं, अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकें आदि शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, प्रमुख वैश्विक और घरेलू मेलों में बेहतर ब्रांडिंग और प्रचार के लिए बाजरा प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है, जिसमें एपीईडीए प्रतिभाग करता है।

भारत सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना के तौर पर पूरे देश में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) की शुरुआत की है। एनएमएनएफ का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्राकृतिक खेती के तरीकों को प्रोत्साहित करना है। स्वस्थ और रसायन मुक्त उत्पादों की बढ़ती मांग के वैश्विक रुझान को देखते हुए, प्रमाणित प्राकृतिक उत्पादों की उपलब्धता के आधार पर विदेशों में भारत के प्राकृतिक उत्पादों को प्रोत्साहन देने की काफी संभावना है।

सरकार भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित पहल कर रही है, जिससे भारत कृषि उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक बन जाएगा। कुछ प्रमुख पहल इस प्रकार हैं:

  • नए उत्पादों का निर्यात करके भारत के कृषि निर्यात बास्केट को व्यापक बनाना।
  • नए बाजारों में निर्यात का प्रवेश।
  • नए उत्पादक क्षेत्रों से निर्यात और निर्यात।
  • भारत के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रचार को प्रोत्साहन देना।
  • मूल्य वर्धित कृषि निर्यात की ओर से निर्यात प्राप्ति में बढ़ोतरी करना।
  • जैविक उत्पादों के निर्यात का विस्तार।
  • आयातक देशों की गुणवत्तापूर्ण उपज और फाइटो-सैनिटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादकों और हितधारकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में बढ़ोतरी।
  • नाशवान बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए समुद्री प्रोटोकॉल का विकास।
  • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को निर्यात मूल्य श्रृंखला से जोड़ना।
  • एफटीए और व्यापारिक साझेदारों के साथ जुड़ाव के माध्यम से बाजार तक पहुंच बढ़ाना।

भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने और निर्यातकों को संरक्षणवादी व्यापार नीतियों से बचाने के लिए, सरकार संबंधित आयातक देशों के साथ गहन द्विपक्षीय चर्चाओं में सक्रिय रूप से शामिल है, ताकि बाजार तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके और व्यापार बाधाओं को दूर किया जा सके। सरकार उन देशों में शुल्क मुक्त/रियायती पहुंच के लिए व्यापार भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा भी कर रही है। सख्त सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस)/ व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी) के रूप में बाधाओं के मामले में, व्यापार भागीदारों के साथ द्विपक्षीय बैठकों के जरिए उन्हें हल करने का प्रयास किया जाता है और उनके समाधान न होने की स्थिति में, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में विशिष्ट व्यापार चिंताओं (एसटीसी) को उठाया जाता है।

यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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