अश्विनी वैष्णव ने हर दिन लगभग 20,000 ट्रेनों के संचालन के लिए अथक परिश्रम करने वाले 12 लाख रेलवे कर्मचारियों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया
केंद्रीय रेल, सूचना व प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर जवाब दिया है। उन्होंने अपने जवाबी संबोधन में रेलवे कर्मचारियों के समर्पण भाव, रेलवे की सुरक्षा में हुई प्रगति, और रेलवे के विद्युतीकरण में प्रगति पर फोकस करते हुए रेलवे की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
रेलवे कर्मचारियों की प्रशंसा
अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन की शुरुआत लगभग 12 लाख रेलवे कर्मचारियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए की जो प्रतिदिन लगभग 20,000 ट्रेनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम करते हैं। उन्होंने रेलवे को देश की जीवन रेखा बताया, जो कि एक ऐसा अहम संस्थान है जिस पर देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्भर करती है। मंत्री महोदय ने संसद से रेलवे को राजनीतिकरण से मुक्त करने का आह्वान किया और इसके साथ ही राष्ट्र हित में इसमें निरंतर बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए सहयोग के महत्व पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने पिछले दो दिनों में सरकार और विपक्षी सांसदों की ओर से कई रचनात्मक सुझाव मिलने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने रेलवे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा के लिए सभी सदस्यों का धन्यवाद किया।
रेलवे की सुरक्षा बढ़ाना
रेलवे की सुरक्षा का उल्लेख करते हुए अश्विनी वैष्णव ने पिछले एक दशक में हुई व्यापक प्रगति पर प्रकाश डाला। किसी भी तरह की खामी का पता लगाने के लिए 26,52,000 से भी अधिक अल्ट्रासोनिक परीक्षण किए गए हैं, और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए अनेक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है। इससे रेल फ्रैक्चर में उल्लेखनीय कमी आई है। दरअसल, इस तरह की घटनाएं वर्ष 2013-14 के लगभग 2,500 से काफी घटकर वर्ष 2024 में केवल 324 रह गई हैं जो कि इनमें 85% की उल्लेखनीय कमी को दर्शाता है।
उन्होंने हर साल दुर्घटनाओं की औसत संख्या में उल्लेखनीय कमी होने पर भी प्रकाश डाला, जो कि यूपीए के कार्यकाल के 171 की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 68% घट गई है। हालांकि, उन्होंने रेलवे की सुरक्षा को और बेहतर बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता पर विशेष जोर दिया।
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अब स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से नियंत्रण है। जहां एक ओर वर्ष 2004 और वर्ष 2014 के बीच केवल 837 स्टेशनों पर ही यह प्रौद्योगिकी थी, वहीं दूसरी ओर इसके बाद अगले एक दशक में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दरअसल, वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2024 तक 2,964 स्टेशनों को इस प्रौद्योगिकी से कवर किया गया है।
रेलवे विद्युतीकरण में प्रगति
रेलवे विद्युतीकरण का उल्लेख करते हुए अश्विनी वैष्णव ने पिछले एक दशक में इस दिशा में हुई प्रभावशाली प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। पिछले 10 वर्षों में कुल 44,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जबकि उससे पिछले 50 वर्षों में केवल 20,000 किलोमीटर का ही विद्युतीकरण किया गया था। इस विद्युतीकरण अभियान से व्यापक लाभ हुआ है, जिसमें 600 मिलियन टन अतिरिक्त कार्गो की ढुलाई, 640 करोड़ लीटर डीजल की बचत और कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में 400 करोड़ किलो की कमी होना शामिल हैं, जो कि 16 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
ये समस्त उपलब्धियां भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं जिससे रेल यात्रा अब कहीं अधिक सुरक्षित, अधिक सुविधाजनक, और पर्यावरण की दृष्टि से कहीं ज्यादा अनुकूल हो गई है।