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Auto component sector is on track to reach $100 billion export target by 2030 Piyush Goyal
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ऑटो कंपोनेंट सेक्टर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य तक पहुंचने की राह पर है: पीयूष गोयल

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि ऑटो कंपोनेंट सेक्टर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य तक पहुंच जाएगा, जिससे यह क्षेत्र देश में सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ताओं में से एक बन जाएगा। उन्होंने यह बयान आज नई दिल्ली में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के 64वें वार्षिक सत्र में दिया।

पीयूष गोयल ने कहा कि चूंकि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, ऑटो सेक्टर को भी वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार होने से आगे बढ़कर अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत की अग्रणी हस्तियों से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक रोडमैप निर्धारित करने का आग्रह किया। पीयूष गोयल ने तकनीकी सुधारों के साथ-साथ दुनिया भर में पहुंच के साथ आंतरिक विकास के संयोजन पर जोर दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने ऑटो कंपोनेंट उद्योग के सदस्यों को अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से एक लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) फंड का लाभ उठाने और ऑटो सेक्टर में सार्वजनिक-निजी शैक्षणिक भागीदारी का समर्थन करने हेतु इसका उपयोग करने का आग्रह किया।

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का ऑटो सेक्टर विदेशों से निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार है और यह उद्योग ईएफटीए देशों से निवेश की संभावनाएं तलाश सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत को नए जमाने की प्रौद्योगिकियों जैसे विद्युत चालित वाहन (ईवी) और इससे संबंधित इकोसिस्टम के साथ-साथ साइकिल क्षेत्र जैसे अन्य आगामी अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री ने उपस्थित लोगों को अपने विकास और निर्यात प्रोत्साहन के लिए सरकार की हालिया पहल औद्योगिक स्मार्ट सिटी का सदुपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उद्योग से स्वदेशी आपूर्तिकर्ता और निर्माताओं से ऑटो कंपोनेंट के अग्रणी निर्यातक बनने का आग्रह किया। उन्होंने भारत के 1.4 अरब आकांक्षी भारतीयों के लाभ के बारे में भी बात की और कहा कि ऑटो सेक्टर के पास घरेलू बाजार के माध्यम से बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था बनने की काफी गुंजाइश है।

केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीयूष गोयल ने ‘विकसित भारत, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा और नए भारत की भावना को प्रतिबिंबित करते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रोत्साहन’ की थीम के लिए एसीएमए की सराहना की।

उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में सरकार के प्रयास बदलाव ला रहे हैं। पीयूष गोयल ने उद्योग के हितधारकों से आग्रह किया कि वे ग्राहकों को, विशेष रूप से वाणिज्यिक वाहन मालिकों को, अपने पैसे के मूल्य, गुणवत्ता, किफायत और मरम्मत एवं स्पेयर के मामले में प्रदान किए जाने वाले टिकाऊपन के लिए ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) उत्पादों के उपयोग के बारे में शिक्षित करें।

पीयूष गोयल ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से संबंधित वार्ता में भागीदारी और सक्रिय दृष्टिकोण के लिए एसीएमए की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत मोबिलिटी जैसी विश्वस्तरीय मेगा-प्रदर्शनियों का आयोजन हमारी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में हमारी सफलता का प्रमाण है क्योंकि यह भारत की कहानी को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत मोबिलिटी 2025 अधिक भव्य होने जा रहा है और इसमें भारत के ऑटो सेक्टर को दुनिया के सामने पेश करने के उद्देश्य से अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी होगी।

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने आज इस कार्यक्रम के बाद के एक सत्र में भाग लिया। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ऑटो कंपोनेंट सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ते ऑटो सेक्टर से कंपोनेंट सेक्टर को लाभ होता है। उन्होंने प्रतिभागियों से देश में और अधिक नौकरियां सृजित करने का आग्रह किया। जितिन प्रसाद ने आगे कहा कि उनके प्रयास कौशल एवं प्रौद्योगिकी केन्द्रित नीतियों से संबंधित सरकार के प्रयासों के पूरक साबित होंगे।

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