2024-25 में भारतीय रेल में नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण परियोजनाओं के लिए 68,634 करोड़ रु. का औसत वार्षिक बजट आवंटन
लवे परियोजनाओं का सर्वेक्षण/ स्वीकृति/ निष्पादन क्षेत्रीय रेलवे-वार किया जाता है, न कि राज्य/क्षेत्र-वार/जिला-वार, क्योंकि रेलवे परियोजनाएं राज्य की सीमाओं में फैली हो सकती हैं। इसके अलावा, रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पारिश्रमिक, अंतिम मील कनेक्टिविटी, मिसिंग लिंक और वैकल्पिक मार्गों, भीड़भाड़/ संपूर्ण लाइनों के विस्तार, सामाजिक-आर्थिक अवधारणाओं आदि के आधार पर लिया जाता है, जो मौजूदा परियोजनाओं की देनदारियों, धन की समग्र उपलब्धता और प्रतिस्पर्धी मांगों पर निर्भर करता है।
वर्तमान में, 651 पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के तहत भारतीय रेल पर विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कुल 49,983 किलोमीटर लंबाई वाले सर्वेक्षण (नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण) किए गए हैं, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना बनाना, लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि करना और औद्योगिक समूहों, बंदरगाहों, खदानों, बिजली संयंत्रों, पर्यटन और सांस्कृतिक स्थानों, कृषि क्षेत्रों आदि से कनेक्टिविटी सहित लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही के लिए अंतराल को दूर करना है।
01.04.2024 तक, भारतीय रेल में, कुल 44,488 किलोमीटर लंबाई की 488 रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं (187 नई लाइन, 40 गेज परिवर्तन और 261 दोहरीकरण), जिनकी लागत लगभग 7.44 लाख करोड़ रु. है, योजना/ अनुमोदन/ निर्माण चरण में हैं, जिनमें से 12,045 किलोमीटर लंबाई चालू हो गई है और मार्च, 2024 तक लगभग 2.92 लाख करोड़ रु. का व्यय हो चुका है।
लागत, व्यय और परिव्यय सहित सभी रेलवे परियोजनाओं का क्षेत्रवार और वर्षवार विवरण भारतीय रेल की वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराया गया है।