अडाणी ग्रुप के खिलाफ रिश्वत के आरोपों और अन्य मुद्दो को लेकर विपक्ष के हंगामे को देखते हुए ससंद के दोनों सदनों की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रथम स्थगन के बाद 11 बजकर 45 मिनट पर जैसे ही राज्यसभा की बैठक फिर शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड ने विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे सदन की बैठक सामान्य रूप से चलने दें। लेकिन, शोर-शराबा जारी रहने को देखते हुए उन्होंने सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सभापति जगदीप धनखड ने अडानी ग्रुप के खिलाफ कथित रिश्वत के आरोपों और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। सभापति ने कहा कि ये नोटिस अध्यक्ष द्वारा इस बारे में पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र संविधान पारित किए जाने के 75वें वर्ष में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण अवसर पर लोगों की भावनाओं को पूरा करने के लिए सर्वोच्च मानकों का परिचय दें।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी मुद्दे पर बोलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अनुमति नही दी गई। इसके बाद कांग्रेस, वामदलों, डीएमके, आरजेडी, आप और अन्य सदस्य शोर मचाने लगे जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में प्रथम स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे संदन की बैठक जब फिर शुरू तो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके और अन्य सदस्यों ने एक बिजनेस घराने के खिलाफ रिश्वत के आरोपों सहित विभिन्न मुद्दों पर शोर मचाना शुरू कर दिया। इन मुद्दों में उत्तर प्रदेश के संभल में कथित हिंसा का मुद्दा भी शामिल था। शोर-शराबे की बीच अध्यक्ष ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।