संसद का बजट सत्र आज से शुरू, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी
संसद का बजट सत्र आज शुरू हो रहा है। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 16 बैठकें होंगी। इस सत्र में मुख्य रूप से केन्द्रीय बजट 2024-25 से संबंधित वित्तीय कार्य निपटाए जाएंगे। दोनों सदनों की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कल सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार किसी भी विषय पर खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि संसद की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करना सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। किरण रिजिजू ने बहुमूल्य सुझव देने के लिए विभिन्न दलों के सदन नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और बजट सत्र के सुचारू संचालन के लिए सबसे सहयोग का अनुरोध किया।
सर्वदलीय बैठक के दौरान लोकसभा में सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान दिलाने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कार्यवाही के दौरान सदन की गरिमा बनाए रखने पर बल दिया। कांग्रेस पार्टी ने कथित नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा, अग्निवीर योजना, केन्द्र-राज्य संबंध तथा मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर सदन में चर्चा की मांग की। पार्टी नेता जयराम रमेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन आज संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करेंगी। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉक्टर वी. अनंत नागेश्वरन की देख-रेख में सर्वेक्षण दस्तावेज तैयार किया है। वित्त मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किये जाने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार आज दोपहर मीडिया को संबोधित करेंगे। अर्थव्यवस्था और आर्थिक वृद्धि के भावी परिदृश्य का रिपोर्ट कार्ड आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की स्थिति, संभावनाओं और नीतिगत चुनौतियों का विस्तृत ब्योरा देता है। यह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के विश्लेषण के साथ रोजगार, सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि, मुद्रास्फीति और बजट घाटे से संबंधित डेटा उपलब्ध कराता है।
भारत ने विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था का दर्जा बनाए रखा है। आर्थिक सर्वेक्षण ऐसे समय में प्रस्तुत किया जा रहा है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। जून महीने में रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि दर अनुमान सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 दो प्रतिशत किया था।