भारतीय मानक ब्यूरो (भारत) और ब्रिटिश मानक संस्थान (यूनाइटेड किंगडम) ने हाइड्रोजन मानकीकरण पर चर्चा की
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ब्रिटिश मानक संस्थान (बीएसआई) और यूनाइटेड किंगडम सरकार के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के सहयोग से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और विनियमन के माध्यम से हाइड्रोजन मानकीकरण पर भारत-यूनाइडेट किंगडम सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से, नई दिल्ली में ग्रीन हाइड्रोजन पर दो दिवसीय भारत-यूनाइडेट किंगडम मानक साझेदारी कार्यशाला की मेजबानी की।
ग्रीन हाइड्रोजन पर भारत-यूनाइटेड किंगडम मानक भागीदारी कार्यशाला स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में एक सराहनीय कदम है। कार्यशाला के दौरान ब्रिटिश मानक संस्थान में ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख एबे डोरियन ने कहा कि यह एक सतत हाइड्रोजन बाजार के निर्माण में ज्ञान के आदान-प्रदान, मानकीकरण और नवाचार के महत्व का प्रमाण है।
उन्होंने कहा, “भारत और यूनाइटेड किंगडम की ग्रीन हाइड्रोजन में अग्रणी बनने की साझा महत्वाकांक्षा है, जो नेट जीरो भविष्य के लक्ष्य को समर्थन करता है।”
यह कार्यक्रम यूनाइटेड किंगडम सरकार के मानक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से व्यापक गतिविधि की एक अनुसूची का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में विकास को गति देने, निवेश को आकर्षित करने और व्यापार को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के उपयोग को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम सुरक्षित, मापनीय और वैश्विक रूप से सुसंगत विनियमों, संहिताओं और मानकों (आरसीएस) पर जोर देता है। यह कार्यक्रम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विनिर्देश (फास्ट-ट्रैक पीएएस) मानकों और वैश्विक हाइड्रोजन प्रमाणन को अपनाने पर भी केंद्रित था।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों को भी मजबूत करता है। इसने मानकों में कमियों की पहचान करने, नए क्षेत्रों की खोज करने और विशेषज्ञों से जुड़ने में मदद की। वैश्विक सर्वोत्तम विधियों से प्राप्त अंतर्दृष्टि भारत के प्रमाणन, परीक्षण और मानकीकरण को बढ़ाएगी, जिससे एक सतत और प्रतिस्पर्धी हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को सहयोग मिलेगा।
इस कार्यक्रम में भारत और यूनाइटेड किंगडम के नीति निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और विशिष्ट उद्योगपतियों ने गहन विचार-विमर्श किया। कार्यशाला का उद्घाटन राजीव शर्मा, उप महानिदेशक (मानकीकरण-I), भारतीय मानक ब्यूरो; लॉरा एलेट, जलवायु और ऊर्जा प्रमुख (ब्रिटिश उच्चायोग) और एबे डोरियन, ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख, भारतीय मानक ब्यूरो ने किया। उन्होंने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत और यूनाइटेड किंगडम के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया।