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Atal Innovation Mission
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कैबिनेट ने अटल इनोवेशन मिशन को 31 मार्च, 2028 तक 2,750 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ जारी रखने की मंजूरी दे दी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीति आयोग के तत्वावधान में अपनी प्रमुख पहल, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को, कार्य के बढ़े हुए दायरे और 31 मार्च, 2028 तक की अवधि के लिए 2,750 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

एआईएम 2.0, विकसित भारत की दिशा में एक कदम है, जिसका उद्देश्य भारत के पहले से ही जीवंत नवाचार और उद्यमिता के वातावरण को विस्तार, मजबूतीतथा और गहराई प्रदान करना है।

यह मंजूरी, भारत में एक मजबूत नवाचार और उद्यमिता के पारिस्थितिकी तंत्रको बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 39वें स्थान पर है और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का घर है।अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम 2.0) के अगले चरण से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। एआईएम के जारी रहने से सभी क्षेत्रों में बेहतर नौकरियां, नवीन उत्पाद और उच्च प्रभाव वाली सेवाएं उपलब्ध कराने में काफी मदद मिलेगी।

अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) और अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स (एआईसी) जैसी एआईएम 1.0 की उपलब्धियों पर आगे बढ़ते हुए, एआईएम 2.0 मिशन के दृष्टिकोण में बड़े गुणात्मक बदलाव का प्रतीक है। एआईएम 1.0 में ऐसे कार्यक्रमों को लागू करने की प्रक्रिया शामिल थी, जिन्होंने भारत के तत्कालीन उभरते पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए नए नवाचार बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, जबकि एआईएम2.0 में मौजूदा वातावरण में कमियों को दूर करने और केंद्र और राज्य सरकारों, उद्योग, शिक्षा और समुदाय के माध्यम से सफलताओं को हासिल करने के लिए डिज़ाइन की गई नई पहल शामिल है।

एआईएम 2.0 को भारत के नवाचार और उद्यमिता के वातावरण को तीन तरीकों से मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है: (a) इनपुट बढ़ाकर (यानी, अधिक इनोवेटर्स और उद्यमियों को शामिल करके), (b) सफलता दर या ‘थ्रूपुट’ में सुधार करके (यानी, अधिक स्टार्टअप को सफल होने में मदद करके) और (c) ‘आउटपुट’ की गुणवत्ता में सुधार करके (यानी, बेहतर नौकरियों, उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन करके)

दो कार्यक्रम पारिस्थितिकी तंत्र में इनपुट बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं:

  • नवाचारों का भाषा समावेशी कार्यक्रम (एलआईपीआई) भारत की 22 अनुसूचित भाषाओं में नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है, ताकि अंग्रेजी न बोलने वाले नवप्रवर्तकों, उद्यमियों और निवेशकों के सामने आने वाली मुश्किलों को कम किया जा सके। मौजूदा इनक्यूबेटरों में 30 वर्नाक्युलर इनोवेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
  • फ्रंटियर कार्यक्रम जम्मू और कश्मीर (जम्मू-कश्मीर), लद्दाख, उत्तर पूर्वी राज्यों (एनई), आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों के नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अनुकूलित टेम्पलेट तैयार करेगा, जहां भारत के 15% नागरिक रहते हैं। टेम्प्लेट विकास के लिए 2500 नए एटीएल बनाए जाएंगे।

चार कार्यक्रमों का लक्ष्य पारिस्थितिकी तंत्र के थ्रूपुट में सुधार करना है:

  • मानव पूंजी विकास कार्यक्रम, भारत के नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए पेशेवरों (प्रबंधकों, शिक्षकों, प्रशिक्षकों) को तैयार करने के लिए एक प्रणाली तैयार करेगा। पायलट ऐसे 5500 पेशेवरों को तैयार करेगा।
  • शोध-आधारित डीप टेक स्टार्टअप के व्यावसायीकरण के तरीकों के परीक्षण के लिए डीपटेक रिएक्टर, एक शोध सैंडबॉक्स तैयार करेगा, जिसे बाजार में आने के लिए काफी लंबे समय और गहन निवेश की ज़रूरत होती है। न्यूनतम 1 डीपटेक रिएक्टर को संचालित किया जाएगा।
  • राज्य नवप्रवर्तन मिशन (एसआईएम) एक मजबूत नवप्रवर्तन और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करेगा, जो उनकेमज़बूत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। एसआईएम, नीति आयोग के राज्य सहायता मिशन का एक घटक होगा।
  • भारत के नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नवाचार सहयोग कार्यक्रम। हस्तक्षेप के लिए चार क्षेत्रों की पहचान की गई है: (a) एक वार्षिक वैश्विक टिंकरिंग ओलंपियाड (b) उन्नत देशों के साथ 10 द्विपक्षीय, बहुपक्षीय संबंधों का निर्माण (c) ज्ञान के एक भागीदार के रूप में, संयुक्त राष्ट्र के विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) की मदद करना, वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए एआईएम और उसके कार्यक्रमों (एटीएल, एआईसी) के मॉडल का प्रसार करनाऔर (d) भारत के लिए जी20 के स्टार्टअप20 एंगेजमेंट ग्रुप को और मज़बूत करना।

दो कार्यक्रमों का लक्ष्य आउटपुट (नौकरियां, उत्पाद और सेवाएं) की गुणवत्ता में सुधार करना है:

  • उन्नत स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए औद्योगिक त्वरक कार्यक्रम। सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में महत्वपूर्ण क्षेत्रों में न्यूनतम 10 उद्योग त्वरक बनाए जाएंगे।
  • अटल सेक्टोरल इनोवेशन लॉन्चपैड्स (एएसआईएल) कार्यक्रम, प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में स्टार्टअप्स से एकीकरण और खरीद के लिए केंद्रीय मंत्रालयों में आईडैक्स जैसे प्लेटफॉर्म बनाएंगे। प्रमुख मंत्रालयों में न्यूनतम 10 लॉन्चपैड बनाए जाएंगे।

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