CAQM ने एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप के दूसरे चरण (GRAP-II) के अनुसार 12-सूत्रीय कार्य योजना को तत्काल प्रभाव से लागू किया
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से उपलब्ध कराए गए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार आज दिल्ली में दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 दर्ज किया गया जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली का प्रति घंटा औसत एक्यूआई शाम 6 बजे बढ़कर 300 हो गया। इसके बाद शाम 7 बजे यह 302 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। इससे एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर उप-समिति को वर्तमान वायु गुणवत्ता परिदृश्य और मौसम/वायुमंडल संबंधी स्थितियों की समीक्षा के लिए तुरंत एक बैठक बुलानी पड़ी।
ग्रैप पर सीएक्यूएम उप-समिति ने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम/वायुमंडल संबंधी स्थितियों और आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा की। इसके बाद समिति ने वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में पूरे एनसीआर क्षेत्र में मौजूदा ग्रैप चरण-II के अनुसार 12-सूत्रीय कार्य योजना को लागू करने का निर्णय लिया। पहले से लागू ग्रैप-I के तहत एक्शन के अतिरिक्त मौजूदा ग्रैप चरण-II ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 301-400) के तहत परिकल्पित सभी कार्यों को एनसीआर में संबंधित सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा तुरंत प्रभाव से लागू की जाएंगी। इसके अलावा एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और डीपीसीसी सहित ग्रैप के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को इस अवधि के दौरान ग्रैप-I के तहत कार्रवाई के अलावा ग्रैप-II के तहत कार्रवाई के सफल और सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
उप-समिति ने लोगों से आग्रह किया कि वे ग्रैप-I के साथ-साथ चरण-II के नागरिक चार्टर में सूचीबद्ध निम्नलिखित विशिष्ट कदमों का पालन करें। साथ ही वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के उद्देश्य से ग्रैप उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता करें, जो निम्नानुसार हैं :
लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए तथा निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
- तकनीक का उपयोग करें, कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुनें, भले ही वह थोड़ा लंबा हो।
- अपने वाहनों में अनुशंसित अंतराल पर नियमित रूप से एयर फिल्टर बदलें।
- अक्टूबर से जनवरी के दौरान धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें।
- ठोस अपशिष्ट और जैव ईंधन को खुले में जलाने से बचें।
इसके अलावा मौजूदा ग्रैप-II के अनुसार 12 सूत्रीय कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू है, जो पहले से लागू ग्रैप-I एक्शन के अतिरिक्त है। इस योजना में एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और डीपीसीसी सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। ये कदम इस प्रकार हैं :
- चिह्नित सड़कों पर दैनिक आधार पर यांत्रिक/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव करें। मशीनीकृत सफाई को और अधिक तीव्र करने के लिए ऐसी मशीनों की तैनाती की शिफ्टों/घंटों की संख्या में वृद्धि की जाए।
- सड़कों और मार्गों पर विशेष रूप से हॉटस्पॉट्स, भारी ट्रैफिक कॉरिडोर, संवेदनशील क्षेत्रों (पीक आवर्स से पहले) पर सड़क की धूल को रोकने के लिए सड़कों पर नियमित रूप से डस्ट सप्रेसेंट्स के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव सुनिश्चित करें और निर्दिष्ट स्थलों/लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान करें।
- निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का नियमित निरीक्षण में तेजी लाएं।
- एनसीआर में सभी चिह्नित हॉटस्पॉटों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रित और लक्षित कार्रवाई सुनिश्चित करना। ऐसे प्रत्येक हॉटस्पॉट में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता में योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्र(क्षेत्रों) के लिए उपचारात्मक उपायों को तेज करना।
- वैकल्पिक विद्युत उत्पादन सेट/उपकरण (डीजी सेट आदि) के उपयोग को कम करने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- दिनांक 29.09.2023 के निर्देश संख्या 76 के अनुसार एनसीआर के औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय आदि सहित सभी क्षेत्रों में डीजी सेटों के विनियमित संचालन के लिए निम्नलिखित अनुसूची को सख्ती से लागू करें।
- यातायात के सुचारू प्रवाह के लिए यातायात की गतिविधियों को समन्वित करें तथा चौराहों/यातायात भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती करें।
- समाचार पत्रों/टीवी/रेडियो पर लोगों को वायु प्रदूषण के स्तर और प्रदूषणकारी गतिविधियों को कम करने के लिए क्या करें और क्या न करें, के बारे में सलाह देने के लिए अलर्ट जारी करें।
- निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में वृद्धि करें।
- अतिरिक्त बेड़े को शामिल करके और सेवा की आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) बढ़ाकर सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा दें। ऑफ-पीक यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग दरें लागू करें।
- रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन (आरडब्ल्यूए) सर्दियों के दौरान खुले में बायोमास/एमएसडब्लू जलाने से बचने के लिए सुरक्षा, स्वच्छता, बागवानी और अन्य विविध सेवाओं में लगे कर्मचारियों को आवश्यक रूप से इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएं।
- ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा एनसीआर राज्यों से अंतर-राज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति न दें (अखिल भारतीय पर्यटक परमिट के साथ संचालित बसों/टेंपो यात्रियों को छोड़कर)।




