केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने दिनांक 12.09.2024 की अधिसूचना संख्या 60/2024-कस्टम्स (एनटी) के माध्यम से कूरियर आयात और निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक घोषणा और प्रोसेसिंग) विनियम, 2010 में उपयुक्त संशोधन किए हैं।
संक्षेप में, ये संशोधन हैं:
- विनियमों में शुल्क वापसी, आरओडीटीईपी और आरओएससीटीएल के लिए विशेष रूप से प्रावधान करना;
- शिपिंग बिल (इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड डिक्लेरेशन और पेपरलेस प्रोसेसिंग) विनियम, 2019 में दिए गए प्रावधान के अनुसार आईसीईएस पर दायर ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड डिक्लेरेशन’ का संदर्भ शामिल करना; और
- बशर्ते कि कूरियर निर्यात घोषणापत्र (सीईएम) कूरियर निर्यात के सभी मामलों में दायर किया जाएगा, सिवाय इसके कि जहां निर्यात शुल्क वापसी, आरओडीटीईपी या आरओएससीटीएल योजना के तहत है। ऐसे शिपमेंट को एक्सपोर्ट जनरल मेनिफेस्ट द्वारा कवर किया जाएगा।
कूरियर आयात और निर्यात शिपमेंट को अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय कूरियर टर्मिनलों (आईसीटी) पर निकासी के लिए एक्सप्रेस कार्गो क्लीयरेंस सिस्टम (ईसीसीएस) पर नियंत्रित किया जाता है। सिस्टम की संरचना की अंतर्निहित सीमाओं के कारण, ईसीसीएस पर कुछ निर्यात संबंधी भुगतानों (यानी शुल्क वापसी, आरओडीटीईपी और आरओएससीटीएल) को प्रोसेस करना संभव नहीं है।
इसलिए, उपरोक्त भुगतानों को प्रोसेस करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कूरियर टर्मिनलों पर भारतीय सीमा शुल्क ईडीआई प्रणाली (आईसीईएस) का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि आईसीईएस में स्क्रॉल सृजन और पीएफएमएस के साथ एकीकरण जैसी आवश्यक सुविधाएं हैं।
भुगतान के तौर-तरीके संक्षेप में इस प्रकार हैं:
- अधिकृत कूरियर शिपिंग बिल वहीं दाखिल करेंगे, जहां क्षेत्राधिकार सीमा शुल्क इकाई द्वारा दिए गए उनके मौजूदा कूरियर पंजीकरण के आधार पर, आईसीईजीएटीई पर शुल्क वापसी /आरओडीटीईपी/आरओएससीटीएल लाभ का दावा किया गया है। शिपिंग बिल को आईसीईएस एप्लीकेशन पर प्रोसेस किया जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय कूरियर टर्मिनल (आईसीटी) का संचालन करने वाले कस्टोडियन को निर्यात किये जाने वाले वस्तुओं के पंजीकरण और कस्टोडियन से संबंधित संदेशों के आदान-प्रदान को संभालने के लिए खुद को आईसीईजीएटीई पर कस्टोडियन के रूप में पंजीकृत कराना होगा। आईसीटी पर माल के पंजीकरण के बाद, माल की आईसीटी पर जांच की जाएगी।
- इस प्रकार, कूरियर टर्मिनल की लॉजिस्टिक्स का उपयोग जहां वास्तविक हैंडलिंग एवं परीक्षण संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, वहीं सीमा शुल्क निकासी को आईसीईएस पर संभाला जाएगा।
- सभी संबंधित पक्षों के लाभ के लिए, डीजी सिस्टम्स द्वारा जारी की जाने वाली परामर्शी (एडवाइजरी) में इन तौर-तरीकों के संबंध में और अधिक विस्तार से विवरण दिया जाएगा।