केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना की अवधि को 31 मार्च 2026 से 31 मार्च 2028 तक 2 वर्ष के लिए बढ़ाया
भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष कर दी गई है। आधिकारिक तौर पर 29 सितंबर 2024 को ₹10,900 करोड़ के दो वर्ष के परिव्यय के साथ अधिसूचित, यह योजना अब उसी परिव्यय के भीतर 31 मार्च 2028 तक लागू रहेगी। हालांकि, पंजीकृत ई-2 व्हीलर, पंजीकृत ई-रिक्शा और ई-कार्ट, और पंजीकृत ई-3 व्हीलर (एल5) के लिए आखिरी तारीख 31 मार्च 2026 ही रहेगी।
मंत्री महोदय ने जानकारी दि कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, देश ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना अपने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के माध्यम से मेक इन इंडिया को सक्षम बनाती है।
पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाना, मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना और ईवी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करना है। ई-ट्रकों, ई-बसों और परीक्षण एजेंसियों के लिए उनकी महत्त्वपूर्ण चुनौतियों के कारण 31 मार्च 2028 तक का यह विस्तार जरूरी है। ई-ट्रकों का बाजार अभी भी प्रारंभिक चरण में है। इसे देखते हुए, पूर्ण पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन में कुछ और समय लगने की संभावना है। इसी तरह, 14,028 इकाइयों को तैनात करने के लिए ₹4,391 करोड़ के आवंटन की ओर से सहयोग पाने वाली ई-बसों के लिए मार्च 2026 से शुरू होने वाली चयन प्रक्रिया के बाद की प्रक्रिया की जरूरत है, जिसमें अनुदान संवितरण 18 महीनों में मील के पत्थर से जुड़ा होगा, जो अतिरिक्त समय की आवश्यकता को रेखांकित करता है। इसके अतिरिक्त, परीक्षण एजेंसी उपकरणों की खरीद के लिए इन क्षेत्रों में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए निविदा, मूल्यांकन, खरीद और कमीशनिंग के लिए अधिक समय की जरूरत होगी।
यह एक निधि-सीमित योजना है। कुल भुगतान ₹10,900 करोड़ के स्वीकृत परिव्यय तक सीमित है। यदि योजना या उसके उप-घटकों के लिए धनराशि 31 मार्च 2028 की अंतिम तिथि से पहले समाप्त हो जाती है, तो योजना या उसके संबंधित उप-घटक बंद कर दिए जाएंगे और आगे कोई दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।