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Rs 5337.00 crore released as 15th Finance Commission grants to Panchayats in Kerala
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केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत 680 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए

भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी)/पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (XV-एफसी) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए असंबद्ध (मूलभूत) अनुदान की पहली किस्त के रूप में 680.71 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। यह राशि राज्य भर की पात्र 3,224 ग्राम पंचायतों, 335 ब्लॉक पंचायतों और 21 जिला परिषदों के लिए 6 अक्टूबर 2025 को जारी की गई।

पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, पश्चिम बंगाल को कुल 4,181.23 करोड़ रुपए की राशि की सिफारिश की गई और जारी की गई। इसमें 2,082.13 करोड़ रुपए अनटाइड अनुदान के रूप में और 2,099.10 करोड़ रुपए टाइड अनुदान के रूप में शामिल हैं। यह राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

2024-25 और 2025-26 के दौरान पश्चिम बंगाल के लिए निम्नलिखित राशि की सिफारिश की गई और जारी की गई-

स्वीकृति की तिथिवित्तीय वर्षमदजारी की गई राशि (करोड़ रुपये में)किस्तटिप्पणी
29.08.20242024–25अनटाइड (मूल अनुदान)702.04पहली किस्तपात्र आरएलबी के लिए आनुपातिक आधार पर काम किया गया
09.09.20242024–25टाइड  अनुदान1131.42पहली किस्तस्वच्छता और पेयजल संबंधी कार्यों के लिए
24.02.20252024–25अनटाइड (मूल अनुदान)699.38दूसरी किस्तइसमें पहली किस्त (4.93 करोड़ रुपए) के रोके गए हिस्से को जारी करना शामिल है
25.02.20252024-25टाइड अनुदान967.68दूसरी किस्तइसमें पहली किस्त (7.40 करोड़ रुपए) के रोके गए हिस्से को जारी करना शामिल है
06.10.20252025-26अनटाइड (मूल अनुदान)680.71पहली किस्तपात्र आरएलबी के लिए आनुपातिक आधार पर काम किया गया

पंद्रहवें वित्त आयोग से मिले अनटाइड अनुदान, ग्रामीण स्थानीय निकायों को वेतन और स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के 29 विषयों में स्थान-विशिष्ट विकास आवश्यकताओं को पूरा करने का लचीलापन प्रदान करते हैं। ये निधियां सड़क और फुटपाथ निर्माण एवं रखरखाव, एलईडी और सौर स्ट्रीट लाइटिंग, गांव के खेल के मैदान, पर्यावरण संरक्षण, आय-उत्पादक गतिविधियां, डिजिटल कनेक्टिविटी, श्मशान घाट के रखरखाव आदि जैसी पहलों का समर्थन करती हैं। यह सहभागी योजना के माध्यम से पहचानी गई स्थानीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। दूसरी ओर, टाइड अनुदान आवश्यक सेवाओं के लिए समर्पित हैं , जिनमें स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति का रखरखाव, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण, वर्षा जल निकासी, जलभराव प्रबंधन आदि शामिल हैं।

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