भारत

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश और राजस्थान में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी किया

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश और राजस्थान में ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (पंद्रहवें एफसी) अनुदान की पहली किस्त जारी की। आंध्र प्रदेश को 395.5091 करोड़ रुपये का अप्रयुक्त अनुदान और प्रयुक्त अनुदान सहित कुल 593.2639 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। यह निधि आंध्र प्रदेश में विधिवत चुने हुए 9 पात्र जिला पंचायतों, 615 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 12,853 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए हैं। जबकि राजस्थान में, राज्य में विधिवत चुने हुए 22 पात्र जिला पंचायतों, 287 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 9,068 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए 507.1177 करोड़ रुपये का अप्रयुक्त अनुदान और 760.6769 करोड़ रुपये का प्रयुक्त अनुदान जारी किया गया है।

स्थानीय शासन को सशक्त बनाने के लिए अप्रयुक्त और प्रयुक्त अनुदानों का उपयोग

अप्रयुक्त अनुदान पंचायतों को भारत के संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के अंतर्गत 29 विषयों- कृषि और ग्रामीण आवास से लेकर शिक्षा और स्वच्छता तक विशेष स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाएगा। हालांकि, इन निधियों का उपयोग वेतन या स्थापना लागतों के लिए नहीं किया जा सकता है। प्रयुक्त अनुदान स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखने और वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण और घरेलू अपशिष्ट के उपचार सहित जल प्रबंधन जैसी मुख्य सेवाओं के लिए होगा।

समावेशी विकास के लिए जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243जी के अनुरूप, ये निधियां पंचायतों को आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन का अधिकार देती हैं। प्रयुक्त अनुदानों के प्रावधान ने ग्राम पंचायतों के लिए महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ के दृष्टिकोण के अनुरूप स्थानीय स्वशासन को फिर से परिभाषित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है, जिससे जमीनी स्तर पर जिम्मेदार और उत्तरदायी नेतृत्व के विकास को बढ़ावा मिलता है। यह सशक्तिकरण प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त किए गए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सरकार के मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुरूप है, जो “विकसित भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर देता है। स्थानीय शासन को बढ़ाकर, ये निधियां समावेशी विकास और सतत ग्रामीण विकास में योगदान देती हैं, जो भागीदारीपूर्ण लोकतंत्र और ग्राम-स्तरीय प्रगति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करती हैं।

भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें-एफसी अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। आवंटित अनुदान की अनुशंसा की जाती है और एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है।

Editor

Recent Posts

आज की ताजा खबर न्यूज़ पेपर, आज का अखबार हिंदी 22 नवंबर 2024

प्रधानमत्री नरेन्‍द्र मोदी को गयाना और डोमिनिका के सर्वोच्‍च सम्‍मान प्रदान करने को सभी समाचार…

1 घंटा ago

भारत और मालदीव ने लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत और मालदीव अब अपनी-अपनी मुद्राओं यानी रूपए और रूफिया में में लेन-देन करेंगे। इस…

2 घंटे ago

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गयाना की संसद नेशनल असेंबली को संबोधित किया है। उन्होंने कहा…

14 घंटे ago

आम आदमी पार्टी ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

आम आदमी पार्टी ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज 11 उम्मीदवारों की पहली…

16 घंटे ago

बिहार अप्रैल 2025 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पैरा गेम्स की मेजबानी करेगा: डॉ. मांडविया

बिहार अगले साल अप्रैल में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी करेगा। बिहार में…

16 घंटे ago

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने लेह में बिजली और आवासन एवं शहरी कार्य क्षेत्र के कार्यों की समीक्षा की

केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने आज लेह में केंद्र…

16 घंटे ago