केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुणे, महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों और प्रबंधन स्थापित करने में सहायता के लिए एक उच्च-स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है।
महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), दिल्ली, निमहंस बेंगलुरु, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे से लिए गए सात विशेषज्ञ शामिल हैं। एनआईवी, पुणे के तीन विशेषज्ञ पहले से ही स्थानीय अधिकारियों का सहयोग कर रहे थे; केंद्रीय टीम का अब विस्तार किया गया है।
यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी व आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों की सिफारिश करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति की निगरानी करके और राज्य के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठा रहा है।
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