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CMD of Power Finance Corporation Limited inaugurates Research Anatomy Laboratory at IIT Madras under CSR initiative
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पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सीएमडी ने सीएसआर पहल के अंतर्गत आईआईटी मद्रास में रिसर्च एनाटॉमी प्रयोगशाला का उद्घाटन किया

चेन्नई — पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) की सीएमडी परमिंदर चोपड़ा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में एक अत्याधुनिक एनाटॉमी प्रयोगशाला का उद्घाटन किया है। पीएफसी से 16.5 करोड़ रुपये के सीएसआर अनुदान के समर्थन वाली ये उन्नत इकाई भारत में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

इस अत्याधुनिक एनाटॉमी प्रयोगशाला का उद्घाटन मनोज शर्मा, निदेशक (वाणिज्यिक), पीएफसी; प्रो. वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास; पीएफसी में सीएसआर कार्यकारी निदेशक अली शाह, संस्थान के प्रोफेसर प्रो. आर. कृष्ण कुमार, चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बॉबी जॉर्ज, डीन नामित प्रो. अश्विन महालिंगम, पूर्व छात्र और कॉर्पोरेट रिलेशन, कविराज नायर, ओआईए और पीएफसी के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।

बाएं से दाएं: एनाटॉमी प्रयोगशाला के उद्घाटन के दौरान अली शाह, कार्यकारी निदेशक, सीएसआर, मनोज शर्मा, निदेशक (वाणिज्यिक), पीएफसी; परमिंदर चोपड़ा, सीएमडी, प्रो. वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास; प्रो. बॉबी जॉर्ज, विभागाध्यक्ष, चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग; प्रो. श्रीकांत वेदांतम; प्रो. आर. कृष्ण कुमार, संस्थान के प्रोफेसर।

पीएफसी के समर्थन वाली एनाटॉमी प्रयोगशाला की मुख्य विशेषताएं:

  • अत्याधुनिक इकाई: इस प्रयोगशाला को प्रभावी शिक्षण और लर्निंग के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग और विकास करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेष रूप से चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग में अभिनव बीएस डिग्री कार्यक्रम के लिए। ये इकाई स्नातक चिकित्सा शिक्षा में उच्च तकनीक विधियों को एकीकृत करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है।
  • भारत में अपनी तरह की पहली: एक अभूतपूर्व कदम में आईआईटी मद्रास ने एक ड्राई एनाटॉमी लैब की स्थापना की है जो मेडिकल कॉलेज के मानकों को पूरा करती है। ये लैब एक अनूठा शिक्षण वातावरण प्रदान करेगी, जिससे छात्रों को एनाटॉमी में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एनाटॉमी पारंपरिक रूप से ज्यादा पारंपरिक तरीकों पर निर्भर क्षेत्र रही है।
  • नवाचार को बढ़ावा: इस इकाई की स्थापना छात्रों को नवीन और परिवर्तनकारी उत्पादों के आइडिया सोचने के लिए प्रेरित करेगी। पीएफसी को उम्मीद है कि इस अत्याधुनिक लैब के संपर्क से स्वदेशी उत्पादों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश की आयात पर निर्भरता कम होगी और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पाने में मदद मिलेगी।

पीएफसी की सीएमडी परमिंदर चोपड़ा ने कहा कि, अपनी तरह की इस पहली अभिनव एनाटॉमी लैब का इस्तेमाल शक्तिशाली चिकित्सा उपकरणों के विकास के लिए नई तकनीकें खोजने के लिए किया जा सकता है। चिकित्सा ज्ञान में इंजीनियरिंग सिद्धांतों को लागू करने वाले इस तरह के अनुसंधान में चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता है।

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