कोयला मंत्रालय ने 22 नवंबर, 2024 को सफल बोली लगाने वालों के साथ 3 कोयला ब्लाकों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से अब तक 104 कोयला ब्लाकों की सफल नीलामी है। ये तीनों कोयला ब्लाक पूर्णतया अन्वेषित कोयला खंड हैं।
कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त ने अतिरिक्त सचिव और नामित प्राधिकारी रूपिंदर बरार के साथ मिलकर तीन कोयला ब्लाकों के सफल बोली लगाने वालों दाताओं को समझौता पत्र सौंपे। इस अवसर पर दोनों अधिकारियों ने ब्लाकों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय से पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया। विक्रम देव दत्त ने कोयला खनन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिनसे भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।
जिन कोयला ब्लाकों के लिए ये कोयला ब्लाक उत्पादन और विकास समझौते किए गए हैं, वे हैं मीनाक्षी और रामपिया और रामपिया कोयला खंड का डिप साइड। सफल बोली लागने वालों में क्रमशः हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड और झार मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
लगभग 27.00 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) के संयुक्त अधिकतम दर क्षमता स्तर पर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए, वाणिज्यिक नीलामी के तहत इन 3 कोयला ब्लाकों से कुल सालाना राजस्व 2,709.95 करोड़ रुपये आंका गया है। इन ब्लाकों के पूरी तरह से चालू होने पर, इनसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 36,504 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की उम्मीद है और इन कोयला ब्लाकों को चालू करने के लिए लगभग 4,050 करोड़ रुपये का कुल निवेश किया जाएगा। इन 3 कोयला ब्लाकों के लिए सीएमडीपीए (कोल माइन डेवलपमेंट एं प्रोडक्शन एग्रीमेंट) के क्रियान्वयन के साथ, कॉमर्शियल कोयला नीलामी के तहत नीलाम किए गए 101 कोयला खदानों के लिए सीएमडीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इसके अलावा, 10वें दौर की जारी ई-नीलामी में, दूसरे दिन 2 कोयला ब्लाकों की नीलामी हुई। दोनों कोयला खंड पूरी तरह से अन्वेषित हैं। इन 2 कोयला खंडों के कुल भूवैज्ञानिक भंडार 180.26 मिलियन टन हैं और पीक दर क्षमता (पीआरसी) 2.10 एमटीपीए है।