केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में पुनर्गठित व्यापार मंडल की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। पीयूष गोयल ने राज्य सरकारों के साथ मजबूत भागीदारी के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की पहल भारत को अधिक पारदर्शी, कुशल और टिकाऊ व्यापार के वातावरण की ओर ले जाने में सहायक है, जिससे देश के व्यापक आर्थिक परिदृश्य को लाभ होगा।
पीयूष गोयल ने वाणिज्य विभाग के जन सुनवाई पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल को हितधारकों और अधिकारियों के बीच संचार को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजाइन किया गया है। पोर्टल व्यापार और उद्योग से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए एक सीधा और पारदर्शी चैनल प्रदान करता है। यह पोर्टल नियमित, निर्धारित बातचीत के लिए निश्चित वीडियो कॉन्फ्रेंस लिंक के अलावा ऑन-डिमांड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं प्रदान करता है। पोर्टल की पहुंच वाणिज्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यालयों और स्वायत्त निकायों जैसे कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), कॉफी बोर्ड, चाय बोर्ड, मसाला बोर्ड, रबर बोर्ड, एपेडा, एमपेडा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) और ईआईसी तक फैली हुई है।
पीयूष गोयल ने ईसीजीसी के नए ऑनलाइन सेवा पोर्टल का भी उद्घाटन किया, साथ ही एक नए इन-हाउस स्माइल-ईआरपी सिस्टम का भी उद्घाटन किया। ये नवाचार कागज रहित प्रक्रिया और फेसलेस सेवा वितरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जिससे निर्यातकों और बैंकों दोनों को लाभ होगा। यह परिवर्तन न केवल ग्राहक सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि ईसीजीसी की मुख्य परिचालन दक्षता को भी बढ़ाएगा। प्रमुख परिणामों में प्रक्रियाओं का पूर्ण स्वचालन, व्यवसाय प्रक्रिया एकीकरण, दावों का त्वरित निपटान, बेहतर परिचालन नियंत्रण और स्थिरता लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए कार्बन फुटप्रिंट में सार्थक कमी शामिल है। ईसीजीसी द्वारा डिजिटल समाधानों को अपनाना नवाचार, परिचालन उत्कृष्टता और ग्राहक संतुष्टि के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर बल देता है, जो भारतीय निर्यातकों के लिए विश्व स्तरीय सेवाएं सुनिश्चित करता है।
बैठक में राज्यों में रोजगार को बढ़ावा देने और राज्य-स्तरीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में वाणिज्य विभाग की भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की गई।
इस सत्र में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों की ओर से इंटरैक्टिव प्रस्तुतियां भी शामिल थीं, जिसमें निर्यात संवर्धन और कारोबारी सुगमता (ईओडीबी), गतिविधियां और मौजूदा राज्य-स्तरीय पहलों में उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। निर्यात संवर्धन के लिए सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को सभी के साथ साझा किया गया, जिससे सहकर्मी राज्यों को मूल्यवान जानकारी मिली। असम, त्रिपुरा और सिक्किम राज्यों की भागीदारी और सुझावों से उत्तर पूर्व क्षेत्र से निर्यात की संभावना बढ़ने की उम्मीद है।
ई-कॉमर्स निर्यात के क्षेत्र में, व्यापार बोर्ड को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया कि कूरियर के माध्यम से किए गए सभी निर्यातों पर तुरंत प्रभाव से आरओडीटीईपी, आरओएसएससीटीएल और ड्रॉबैक लाभ लागू किए जाएंगे। पोस्टल रूट निर्यात के लिए भी इन लाभों को बढ़ाने की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, जिससे कूरियर और डाक मोड का उपयोग करने वाले ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए अधिक न्यायसंगत वातावरण तैयार होगा।
व्यापार बोर्ड भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग, चर्चा और नीतिगत सिफारिशों के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है। उद्योग मंत्रालय, राज्य सरकारों, उद्योग हितधारकों और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर, यह सलाहकार निकाय एक संपन्न व्यापार संबंधी इकोसिस्टम को आकार देने का प्रयास करता है।
उल्लेखनीय रूप से, इस महत्वपूर्ण सत्र के लिए 10 राज्य सरकारों के मंत्री उपस्थित थे। गोवा के उद्योग मंत्री मौविन गोडिन्हो, मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) मंत्री चेतन्य कश्यप, राजस्थान के उद्योग और वाणिज्य राज्य मंत्री कृष्ण कुमार विश्नोई, तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु, त्रिपुरा की वाणिज्य और उद्योग मंत्री संताना चकमा, उत्तर प्रदेश के निर्यात संवर्धन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, असम के उद्योग और वाणिज्य मंत्री बिमल बोरा तथा तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार, उद्योग एवं वाणिज्य और विधायी मामलों के मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने बैठक में भाग लिया।
वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अपर सचिव एवं महानिदेशक, संतोष सारंगी तथा भारत सरकार और राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।