पनडुब्बी रोधी और उथले पानी में चलने वाले युद्धपोत परियोजना के अंतिम युदधपोत के निर्माण कार्य का शुभारंभ
कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में बनाए जा रहे पनडुब्बी रोधी और उथले पानी के आठवें और अंतिम युद्धपोत (बीवाई 530), (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) के निर्माण कार्य का शुभारंभ 29 मई 2025 को वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, (युद्धपोत निर्माण और अधिग्रहण) की उपस्थिति में किया गया। इस समारोह में भारतीय नौसेना और सीएसएल के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हुए। अंतिम युद्धपोत के ‘निर्माण’ का ये अहम पल, महत्वपूर्ण युद्धपोत निर्माण परियोजना में निरंतर प्रगति को दर्शाता है, जिसमें सभी प्लेटफॉर्म उत्पादन के अग्रिम चरणों में हैं। 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, ये युद्धपोत भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का उदाहरण हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा 30 अप्रैल 2019 को आठ पनडुब्बी रोधी और उथले पानी के युद्धपोत के निर्माण का अनुबंध सीएसएल, कोच्चि को दिया गया था। ‘माहे’ श्रेणी के रूप में जाने जाने वाले इन युद्धपोत को स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक अंडरवाटर सेंसर से लैस किया जा रहा है, और इन्हें पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान (एलआईएमओ) और सुरंग बिछाने के कार्यों को करने के लिए तैयार किया गया है।
इस श्रेणी के आठ युदधपोत अगस्त 2025 और जून 2028 के बीच भारतीय नौसेना को सौंपे जाने हैं और इससे भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं में और वृद्धि होगी।