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Defence Minister Rajnath Singh addressed the convocation of IIMT University in Meerut, Uttar Pradesh
भारत शिक्षा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में IIMT विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से अपनी क्षमता को विस्तार देने और 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने की दिशा में भारत की यात्रा के साथ अपनी आकांक्षाओं को जोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मेरठ में 11 जनवरी, 2025 को आईआईएमटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय संकल्प को साकार करने में देश के युवा प्रबुद्ध दिमागों की निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि युवाओं के सपने, प्रतिबद्धता और सोच भारत को दुनिया में एक नई पहचान दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की सामर्थ्य उसके युवा दिमाग के ज्ञान, कौशल और दृढ़ संकल्प में निहित है।

राजनाथ सिंह ने एक कहावत ‘हर युग के अपने नायक होते हैं’ का उल्लेख करते हुए युवाओं को देश के भविष्य का नायक बताया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि युवाओं की सबसे बड़ी शक्ति उनका आशावाद है, जो हर कठिनाई में अवसर देखने की साहस प्रदान करता है।

रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में वैश्विक मंच पर देश के बढ़ते कद का जिक्र किया और कहा कि आज जब भारत बोलता है, तो पूरी दुनिया सुनती है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक मजबूत, सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में बड़ी प्रगति की है, जो अपनी धरती पर अत्याधुनिक रक्षा उपकरण बना रहा है और यहां तक ​​कि अन्य देशों को निर्यात भी कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट-अप हब के रूप में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है और 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ, यह नवाचार तथा उद्यमिता के भविष्य को आकार दे रहा है।

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सरकार के प्रयासों के कारण देश में बने अवसरों के माहौल का सर्वोत्तम उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तीन चीजों – ईश्वर में विश्वास, अपनी क्षमताओं पर भरोसा और सर्वोत्तम परिणामों की आशा को हमेशा याद रखने का आग्रह किया।

रक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों से कहा आज भारत स्वयं को सबसे मजबूत देशों में से एक के रूप में स्थापित कर रहा है। हमारे युवा नये आत्मविश्वास और ऊर्जा के साथ देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपके पास एक विचार और कौशल है और आप कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो आपके पास अवसरों या संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत परिवर्तन, नवाचार और गतिशीलता का गवाह बन रहा है। यह नवाचार एवं गतिशीलता तथा परिवर्तन की क्षमता ही है जो एक नेता और अनुयायी के बीच अंतर करती है।

राजनाथ सिंह ने युवाओं से देश के इतिहास, संस्कृति और मूल्यों से जुड़े रहने का आग्रह किया, क्योंकि ये चुनौतियों एवं संदेह के समय में मूल्यवान सबक प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब आप व्यक्तिगत उपलब्धियों से आगे बढ़ते हैं और सामाजिक बेहतरी के बारे में सोचते हैं, तो आप कुछ ऐसा हासिल करते हैं जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपको जीवन भर याद रखा जाएगा।

रक्षा मंत्री ने स्वामी विवेकानन्द को भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की क्योंकि 12 जनवरी को उनकी जयंती है और इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजनाथ सिंह ने स्वामी विवेकानन्द को भारत का पहला ‘वैश्विक युवा’ बताते हुए युवाओं से उनकी शिक्षाओं और दृष्टिकोण से प्रेरणा लेने को कहा।

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