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Defence Minister Rajnath Singh dedicates 75 infrastructure projects of Border Roads Organisation worth Rs 2,236 crore to the nation in 11 states-UT
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 2,236 करोड़ रुपये के लागत वाली सीमा सड़क संगठन की 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर, 2024 को 2,236 करोड़ रुपये की लागत के सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को वर्चुअल माध्यम से समर्पित किया। ये परियोजनाएं – 22 सड़कें, 51 पुल और दो अन्य – 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। उन्नीस (19) जम्मू और कश्मीर में, 18 अरुणाचल प्रदेश में, 11 लद्दाख में, नौ उत्तराखंड में, छह सिक्किम में, पांच हिमाचल प्रदेश में, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में दो-दो और एक-एक नागालैंड, मिजोरम तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हैं।

रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल के सुकना में त्रिशक्ति कोर के मुख्यालय से परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें मुख्य आकर्षण में से एक सिक्किम में कुपुप-शेरथांग रोड का उद्घाटन था जो जवाहर लाल नेहरू मार्ग और ज़ुलुक अक्ष के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में कार्य करता है।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने इन परियोजनाओं को सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इन क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के सरकार के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘2047 तक विकसित भारत’ के सपने को ऐसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से साकार किया जा सकता है।

इन 75 परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ, बीआरओ ने 2024 में 3,751 करोड़ रुपये की कुल लागत से कुल 111 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी की हैं। इसमें 1,508 करोड़ रुपये की 36 परियोजनाएं शामिल हैं, जैसे अरुणाचल प्रदेश में अत्याधुनिक सेला सुरंग, जिसका उद्घाटन इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने किया था। पिछले साल, बीआरओ की 3,611 करोड़ रुपये की लागत की 125 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गई।

रक्षा मंत्री ने सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों और खराब मौसम की स्थिति में भी समयबद्ध तरीके से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बीआरओ कर्मियों के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में सीमा पर बुनियादी ढांचे को और अधिक शीघ्रता से मजबूत करने का लक्ष्य रखती है। केंद्रीय बजट 2024-25 में बीआरओ के लिए 6,500 करोड़ रुपये के बढ़े हुए आवंटन का उल्लेख करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि यह न केवल रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देगा, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भी सहायक होगा।

रक्षा मंत्री ने बताया कि 2014 से पहले की सरकारों का मानना ​​था कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि इसका उपयोग देश के विरोधी कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्ता में आने के बाद से ही सीमावर्ती बुनियादी ढांचे का विकास प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता रही है क्योंकि ये क्षेत्र, विशेष रूप से पूर्वोत्तर, सामाजिक-आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “पिछले दशक में, हमने गांवों से शहरों तक सड़कों का एक विशाल नेटवर्क बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अभूतपूर्व गति से प्रगति हुई है।”

राजनाथ सिंह ने लोगों को आश्वासन दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में नए आयाम जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत सबसे सुरक्षित और शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक होगा।

इस वर्चुअल उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री के साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, मनोनीत रक्षा सचिव आर.के. सिंह, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला भी उपस्थित थे, जबकि शेरथांग में मुख्य स्थल पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग उपस्थित थे।

सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम के राज्यपाल; जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख के उपराज्यपाल; अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री; केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक तथा लोक शिकायत राज्य मंत्री और कानून तथा न्याय और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया।

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