रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों, सीमा-पार आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।
रूस के रक्षा मंत्री ने दीर्घकालिक भारत-रूस संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह और कायराना आतंकवादी कृत्य पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
यह बैठक दोनों देशों के नेताओं के बीच हाल ही में हुई सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक थी, जिसे ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था। बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता विशेष रूप से वायु रक्षा, वायु से वायु में मार करने वाली मिसाइलों, आधुनिक क्षमताओं और हवाई प्लेटफार्मों के उन्नयन जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं जैसे एस-400 प्रणाली की आपूर्ति, एसयू-30 एमकेआई अपग्रेड और तय समय सीमा में महत्वपूर्ण सैन्य साजो-सामान की खरीद पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
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