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Defence Minister said that during Operation Sindoor, people of border areas extended full cooperation to the armed forces
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रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने सशस्त्र बलों को पूरा सहयोग दिया

रक्षा मंत्री राजनाथ ने 25 अगस्त, 2025 को राजस्थान के जोधपुर में रक्षा एवं खेल अकादमी के उद्घाटन के दौरान कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने सशस्त्र बलों को पूर्ण समर्थन दिया, जो इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि नागरिक, विशेषकर युवा, अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और समर्पित रहें, तो देश किसी भी कठिनाई का सामना कर सकता है और मजबूत बन सकता है।

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युवाओं द्वारा दिखाए गए उत्साह और दृढ़ संकल्प की सराहना की। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का करारा जवाब दिया और निर्धारित लक्ष्यों को सटीकता के साथ हासिल किया। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता, उन्होंने कहा कि जहां पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों के धर्म के आधार पर उनकी हत्या की, वहीं भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों को शरण देने वालों को उनके कृत्‍य के आधार पर खात्‍मा किया। उन्होंने इस ऑपरेशन को नए भारत की पहचान बताया।

रक्षा एवं खेल अकादमी जैसी पहलों के महत्व के बारे में बताते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि एक सुरक्षित और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए रक्षा, शिक्षा और खेल का समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “शिक्षा ज्ञान प्रदान करती है जबकि रक्षा से सुरक्षा सुनिश्चित होती है। दृढ़ता, अनुशासन, धैर्य और दृढ़ संकल्प जैसे गुण एक सैनिक के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने एक खिलाड़ी के लिए। रक्षा, शिक्षा और खेल के इस संगम से निकले छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।” उन्होंने नागरिकों से एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का आह्वान किया जो ज्ञान, संस्कृति और शक्ति के मामले में दुनिया में अग्रणी हो।

रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा में राज्य के सैनिकों के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में चर्चा करते हुए, इस बात पर भी जोर दिया कि इस क्षेत्र में जवानों के अनुपात में अधिकारी नहीं बन रहे हैं। उन्होंने लोगों से सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने में योगदान देने का आग्रह किया।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने समारोह की अध्यक्षता की तथा इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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