डाक विभाग और NRSC, ISRO ने भारत की एड्रेसिंग प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव के लिए नई साझेदारी की
भारत में एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग प्रणाली स्थापित करने की अपनी चल रही महत्वपूर्ण पहल में, डाक विभाग (डीओपी) ने 22 अगस्त, 2024 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 23 अगस्त 2024 को पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस से ठीक पहले घोषित यह ऐतिहासिक सहयोग, उपग्रह डेटा और रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियों में एनआरएससी की विशेषज्ञता को डीओपी के व्यापक बुनियादी ढांचे और सेवाओं के साथ एकीकृत करके, राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान के साथ साझेदारी करके भारत में एड्रेसिंग को मानकीकृत करने की डीओपी की पहल का एक प्रमुख घटक है।
इस समझौता ज्ञापन पर डाक विभाग की सदस्य (संचालन) मंजू कुमार और इसरो के एनआरएससी के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी के माध्यम से डाक विभाग भारत में एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग प्रणाली विकसित करने और उसे परिष्कृत करने के लिए एनआरएससी, इसरो के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि सार्वजनिक और निजी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित डिलीवरी के लिए सरलीकृत एड्रेसिंग का समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर, संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “मैं डाक विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के बीच इस साझेदारी का स्वागत करता हूं, जो भारत में एड्रेसिंग प्रणाली में बदलाव कर देगी। एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग सिस्टम के विकास में इसरो की विशेषज्ञता के साथ डाक विभाग अधिक कुशलता से कार्य करने में सक्षम होगा। जियो-कोडेड एड्रेसिंग सिस्टम ट्रैकिंग को आसान बनाएगा, डिलीवरी सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा और डिलीवरी मार्गों को अनुकूलित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समावेश और प्रगति को आगे बढ़ाने में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डाला है और इस प्रकार यह साझेदारी हमारे सार्वजनिक वितरण प्रणालियों के नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण को बनाए रखेगी। मैं डाक विभाग और इसरो को इस सफल सहयोग के लिए बधाई देता हूं।”
यह पहल डिजिटल परिवर्तन और भू-स्थानिक उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।