insamachar

आज की ताजा खबर

Department of Posts signs MoU with ESRI India to expand Digipin initiative
भारत

डाक विभाग ने डिजिपिन पहल को विस्तार देने के लिए ESRI इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

डाक विभाग (डीओपी) ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सॉफ्टवेयर और समाधान प्रदाता ईएसआरआई इंडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (ईएसआरआई इंडिया) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

डाक विभाग इस समझौता ज्ञापन के तहत, अपने डिजिपिन पोर्टल के लिए ईएसआरआई इंडिया के हाई-रिजॉल्यूशन इमेजरी और स्ट्रीट बेसमैप्स का इस्तेमाल करने में सक्षम होगा। इस सहयोग से डिजिपिन को ईएसआरआई इंडिया के लिविंग एटलस पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा सकेगा, जिससे यह बड़े जीआईएस समुदाय के लिए सुलभ हो जाएगा। इसके अलावा, ईएसआरआई इंडिया डिजिपिन के लिए उनकी सेवाओं के निर्बाध एकीकरण हेतु डाक विभाग को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

इस समझौते का उद्देश्य डिजिपिन के विकास और कार्यान्वयन में सहायता करने के लिए ईएसआरआई इंडिया के मानचित्रण समाधानों का लाभ उठाना है, जिससे डिजिपिन प्रणाली अधिक बेहतरीन व नागरिक-अनुकूल बन सके।

नई दिल्ली के डाक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में डाक विभाग और ईएसआरआई, इंडिया के नामित प्रतिनिधियों द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर डाक विभाग के सदस्य (संचालन) हरप्रीत सिंह ने कहा: “ईएसआरआई इंडिया के साथ यह सहयोग डिजिपिन पहल के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ईएसआरआई के शानदार आधार मानचित्रों और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के साथ, डिजिपिन नागरिकों तथा सरकारी सेवाओं को सटीकता व पहुंच के साथ सशक्त बनाएगा।”

ईएसआरआई इंडिया के प्रबंध निदेशक अगेंद्र कुमार ने कहा, “हमें इस ऐतिहासिक पहल पर डाक विभाग के साथ सहयोग करने पर गर्व है। ईएसआरआई इंडिया की जीआईएस विशेषज्ञता व उन्नत मानचित्रण समाधान, डिजिपिन को एक सशक्त डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम बनने में मदद करेंगे, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता बढ़ेगी और भारत के व्यापक डिजिटल परिवर्तन में सहायता मिलेगी।”

यह समझौता ज्ञापन डिजिपिन पहल के प्रभावी जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ईएसआरआई इंडिया की उन्नत मानचित्रण क्षमताओं को डाक विभाग के व्यापक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के साथ एकीकृत करके, डिजिपिन अधिक सटीक, सुलभ व उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बन जाएगा – जिससे कुशल सेवा वितरण एवं बेहतर नागरिक सहभागिता संभव हो सकेगी।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *