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Dialogue and cooperation between India and Armenia have opened new avenues of partnership Lok Sabha Speaker Om Birla
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भारत और आर्मेनिया के बीच बातचीत और सहयोग ने साझेदारी के नए रास्ते खोले हैं: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन परिसर में आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष एलन सिमोनियन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश सहित आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए अर्मेनियाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए ओम बिरला ने इस वर्ष की शुरुआत में जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की बैठक के दौरान महामहिम सिमोनियन के साथ अपनी पिछली मुलाकात को याद किया।

ओम बिरला ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच राजनीतिक और संसदीय संवाद और सहयोग बढ़ा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी के नए रास्ते खुले हैं। उन्होंने अर्मेनियाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्थिर सरकार के कारण भारत दुनिया में सबसे अधिक आर्थिक विकास दर के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भारत में व्यापार में आसानी और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जिससे दुनिया भर में भारत के प्रति भारी रुचि पैदा हुई है।

बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों और दोनों संसदों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर नियमित चर्चा से द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। भारत और आर्मेनिया के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग से लोगों के बीच आपसी संबंध और मजबूत होंगे।

भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ बताते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को सुदृढ़ करने के लिए भारत और आर्मेनिया की संसदों के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाना चाहिए। ओम बिरला ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इस वर्ष भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ है जो राष्ट्र की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए भारतीय संसद के दोनों सदनों में भारत के संविधान पर दो दिवसीय विशेष चर्चा आयोजित की गई।

इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत ने हमेशा लैंगिक समानता के लिए काम किया है, ओम बिरला ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि नए संसद भवन में पारित पहला कानून “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” था, जो देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, भारत की संसद ने डिजिटल तकनीकों का व्यापक उपयोग किया है, प्रक्रियाओं को सरल बनाया है और पारदर्शिता बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि “डिजिटल संसद” परियोजना एक ऐसी पहल थी जिसने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाया है।

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