बढ़ते भारतीय खिलौना क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने आज नई दिल्ली में “फ्लीपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के साथ कार्यशाला” का आयोजन किया। कार्यशाला ने खिलौना क्षेत्र के आगे के विकास को सक्षम बनाने, घरेलू खपत बढ़ाने तथा कार्यबल को कौशल/पुनः कौशल बनाने के लिए रोडमैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विचार-विमर्श में भारतीय खिलौना उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स बाजार से उभरते अवसरों का लाभ उठाने पर विशेष फोकस किया गया।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि “खिलौना उद्योग के लिए एक बेहतर इको-सिस्टम बनाने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने ‘मेड इन इंडिया’ खिलौनों के लिए एक वैश्विक बाजार बनाने के दीर्घकालिक विजन के साथ इस क्षेत्र की पहचान एक चैंपियन क्षेत्र के रूप में की है। खिलौना उद्योग क्षेत्र की मजबूती बढ़ाने के लिए साइलो को तोड़कर और वृद्धि के लिए सभी पहलुओं में उद्योग के साथ काम करके एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।
DPIIT के संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि “भारतीय खिलौना उद्योग की सफलता निर्यात में वृद्धि, विनिर्माण इको-सिस्टम की बढ़ती मजबूती और आयात निर्भरता में कमी में परिलक्षित होती है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय खिलौना उद्योग ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स, डेनमार्क और यहां तक कि चीन सहित 100 से अधिक देशों में अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार किया है। खिलौना उद्योग के लिए अगला कदम ऑनलाइन माध्यमों के प्रभावी उपयोग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ताओं तक पहुंचना है।
फ्लीपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला ने घरेलू खिलौना निर्माताओं को ऑनलाइन बिक्री की बारीकियों को समझने में मदद की, जिससे “ट्वायकोनॉमी” बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया जा सके। कार्यशाला में फ्लीपकार्ट और घरेलू खिलौना उद्योग के सदस्यों ने भाग लिया।