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Dr Jitendra Singh and Bill Gates discuss biotech collaboration and the role of the private sector in India's innovation
भारत

डॉ. जितेन्द्र सिंह और बिल गेट्स ने बायोटेक सहयोग और भारत के नवाचार में निजी क्षेत्र की भूमिका पर चर्चा की

भारत की यात्रा पर आए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सह-संस्थापक और परोपकारी बिल गेट्स ने प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और भारत के नवाचार तथा जैव विनिर्माण में वृद्धि में निजी क्षेत्र और स्टार्टअप की भागीदारी का विस्तार करने के लिए विस्तृत चर्चा की।

दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों की सहायता से आयोजित इस बैठक में जीन थेरेपी, वैक्सीन नवाचार, जैव प्रौद्योगिकी विनिर्माण और भारत में उभरते स्टार्टअप प्रणाली में प्रगति पर चर्चा की गई।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में बायोटेक नवाचारों में उछाल देखी गई है, जिसे बायो ई3 – अर्थव्यवस्था (इकॉनमी), रोजगार (एम्प्लॉयमेंट) और पर्यावरण (एनवायरनमेंट) के लिए जैव प्रौद्योगिकी जैसी नीतियों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने भारत की जैव-क्रांति को आगे बढ़ाने में निजी खिलाड़ियों और स्टार्टअप की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) जैसे ठोस तंत्र सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।

बिल गेट्स ने भारत की बायोटेक प्रगति की प्रशंसा की, वैक्सीन निर्माण में इसके नेतृत्व का लोहा माना, जिसमें एचपीवी और कोविड-19 वैक्सीन के लिए साझेदारी भी शामिल है। उन्होंने तपेदिक और मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने में भारत के प्रयासों में मदद करने में भी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत की अनुसंधान प्रणाली वैश्विक स्वास्थ्य सफलताओं के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करती है।

दोनों हस्तियों के बीच चर्चा का मुख्य विषय भारत में जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप बूम था, जिसमें अब इस क्षेत्र में 10,000 से अधिक स्टार्टअप संचालित हो रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इनमें से 70 प्रतिशत मेडिकल और स्वास्थ्य बायोटेक पर केंद्रित हैं, जबकि बाकी कृषि, पर्यावरण और औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इन नवाचारों को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसमें तेजी से व्यावसायीकरण को सक्षम करने के उद्देश्य से वित्त पोषण और नीतिगत उपायों में वृद्धि की गई है।

बिल गेट्स और डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैश्विक निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए वित्तीय केंद्र गिफ्ट सिटी के माध्यम से भारतीय बायोटेक स्टार्टअप में प्रत्यक्ष निवेश के अवसरों की भी तलाश की। गेट्स ने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन मुख्य रूप से परोपकारी क्षेत्र में काम करता है, लेकिन नए वित्तीय ढांचे का लाभ उठाकर आशाजनक भारतीय स्टार्टअप में प्रत्यक्ष निवेश संभव हो सकता है।

भारत में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास की गति तेज होने के बीच डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि इस क्षेत्र का निरंतर फलना-फूलना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास के लिए बढ़ते वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ, भारत जैव प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने को तैयार है।

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