डॉ. मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के मसौदे पर आईओए, एनएसएफ और एनएसपीओ के साथ हितधारक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए), राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राष्ट्रीय खेल संवर्धन संगठनों (एनएसपीओ) के साथ राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के मसौदे पर विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण हितधारक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और मिशन ओलंपिक सेल तथा केंद्रीय मंत्रालयों के खेल नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
डॉ. मंडाविया ने अपने संबोधन में उत्कृष्टता और अस्मिता को बढ़ावा देने वाले एक मजबूत और पारदर्शी खेल तंत्र बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, मसौदा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 एक मजबूत और पारदर्शी खेल प्रशासन संरचना बनाने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो ओलंपिक और पैरालंपिक चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। हमारे खेल समुदाय की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाली नीतियों को आकार देने के लिए विभिन्न हितधारकों और जनता की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।”
माननीय मंत्री ने कहा , “यह मसौदा विधेयक प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है , जहां खेल राष्ट्रीय गौरव और विकास के स्तंभ के रूप में विकसित होंगे।” उन्होंने कहा, “एथलीट-केंद्रित महासंघों को सशक्त बनाकर, सुरक्षित खेल नीति पेश करके और एक अपीलीय खेल न्यायाधिकरण की स्थापना करके, हम एक मजबूत ढांचा तैयार कर रहे हैं जो न केवल हमारे खिलाडि़यों को आगे बढ़ाएगा बल्कि वैश्विक खेल मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।”
इस मसौदा विधेयक पर आज इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन, नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन और नेशनल स्पोर्ट्स प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन जैसे महत्पूर्ण हितधारकों के साथ बैठक कर विभिन्न सुझाव प्राप्त किए।
इस परामर्श बैठक में एनएसएफ, एनएसपीओ और आईओए के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की, जिन्होंने प्रस्तावित सुधारों, खिलाड़ी कल्याण उपायों और खेल प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर अपने विचार साझा किए। चर्चा में खिलाडि़यों के अधिकारों की रक्षा, खेल निकायों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और भारत की वैश्विक खेल स्थिति को बढ़ाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
डॉ. मंडाविया ने इसमें शामिल प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि मसौदा विधेयक को अंतिम रूप देने में उनके बहुमूल्य सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने निष्पक्ष खेल, समावेशिता और खिलाडि़यों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने संबंधी वातावरण बनाकर भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के मंत्रालय के दृष्टिकोण को दोहराया।
मसौदा राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2024 खिलाड़ियों के विकास और कल्याण को बढ़ावा देने, नैतिक प्रशासन सुनिश्चित करने और प्रभावी विवाद समाधान तंत्र प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करता है। बैठक का उद्देश्य भारतीय खेलों के हितों की रक्षा करने वाला कानून बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों से सुझाव और प्रतिक्रिया एकत्र करना था।
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि हितधारकों और आम जनता को मसौदा विधेयक पर अपने सुझाव और टिप्पणियाँ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। टिप्पणियाँ 25.10.2024 तक ईमेल आईडी draft.sportsbill[at]gov[dot]in पर ईमेल द्वारा मंत्रालय को भेजी जा सकती हैं । मसौदा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 को https://yas.nic.in/sports/draft-national-sports-governance-bill-2024-inviting-comments-suggestions-general-public-and पर देखा जा सकता है ।युवा मामले और खेल मंत्रालय मसौदा विधेयक के अंतिम रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ने तक विभिन्न हितधारकों के साथ संपर्क बनाए रखेगा, ताकि भारत के लिए प्रगतिशील खेल शासन ढांचे को आकार देने में खिलाडि़यों, प्रशासकों, विशेषज्ञों और आम जनता की आवाज को शामिल करना सुनिश्चित किया जा सके।