श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) ने 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल का शुभारम्भ किया था। इसके शुरू होने के तीन साल की छोटी सी अवधि में ही ई-श्रम ने 30 करोड़ से ज़्यादा असंगठित कामगारों को पंजीकृत किया जा चुका है, जिससे असंगठित कामगारों के बीच इसके तेजी से और व्यापक रूप से अपनाए जाने का पता चलता है। यह उपलब्धि सामाजिक प्रभाव और देश भर में असंगठित कामगारों को समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
सरकार ने देश के असंगठित श्रमिकों के लिए “वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” के रूप में ई-श्रम पोर्टल स्थापित करने की परिकल्पना की है। बजट भाषण 2024-25 के दौरान यह घोषणा की गई है कि “अन्य पोर्टलों के साथ ई-श्रम पोर्टल के व्यापक एकीकरण से ऐसे वन-स्टॉप-सॉल्यूशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।” इस पहल का उद्देश्य ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से असंगठित श्रमिकों को विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच को आसान बनाना है। ई-श्रम-वन स्टॉप सॉल्यूशन असंगठित श्रमिकों तक विभिन्न सरकारी योजनाओं की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक सुविधाकर्ता (फैसिलिटेटेटर) के रूप में काम करेगा। इससे असंगठित श्रमिकों के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी, साथ ही छूटे हुए संभावित लाभार्थियों की पहचान करके उनके लिए योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
‘ईश्रम – वन स्टॉप सॉल्यूशन’ परियोजना के भाग के रूप में, श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) असंगठित श्रमिकों के हित के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), राशन कार्ड योजना आदि प्रमुख योजनाओं को एकीकृत करने के लिए काम कर रहा है।
स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) और ई-श्रम का दो-तरफ़ा एकीकरण भी श्रम और रोजगार मंत्रालय की वन-स्टॉप-सॉल्यूशन परियोजना का एक प्रमुख जोर वाला क्षेत्र है और इसमें उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। इस एकीकरण से ई-श्रम और एसआईडीएच पंजीकरणकर्ताओं को किसी भी पोर्टल पर निर्बाध रूप से पंजीकरण करने और इन पोर्टलों द्वारा दी जा रही सेवाओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर सभी श्रमिकों तक पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए, सभी असंगठित श्रमिकों को इसमें शामिल करना महत्वपूर्ण है, जिनमें आशा कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और गांवों/ ग्राम पंचायतों/ सभाओं/ परिषदों में काम करने वाले, भवन और निर्माण परियोजनाओं में काम करने वाले मनरेगा श्रमिक और अन्य समान श्रमिक शामिल हैं। इस उद्देश्य के लिए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ), राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), राज्य बीओसीडब्ल्यू बोर्ड सहित विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित अंतर-मंत्रालयी बैठकें आयोजित की जा रही हैं। संबंधित मंत्रालयों/ विभागों से असंगठित श्रमिकों के व्यापक विकास के लिए अपनी योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल के साथ एकीकृत करने का अनुरोध किया गया है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भी असंगठित श्रमिकों को जल्द से जल्द ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) आदि विभिन्न मंत्रालयों से संपर्क किया है।