विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने भारत की अर्थव्यवस्था में बाहरी लोगों से दुराव की नीति-ज़ेनोफ़ोबिया के बाधा बनने के दावे का खंडन किया
विदेश मंत्री डॉ सुब्रहमण्यम जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत की अर्थव्यवस्था में बाहरी लोगों से दुराव की नीति-ज़ेनोफ़ोबिया के बाधा बनने के दावे का खंडन किया है। एक कार्यक्रम में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारतीय समाज सदैव खुले विचारों का रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इतिहास में भारत ने हमेशा विविध समाज के लोगों का स्वागत किया है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने हाल ही में कहा था कि भारत और जापान में ज़ेनोफोबिया उनकी अर्थव्यवस्थाओं के विकास में बाधा बन रहा है।
ओडिसा के भुवनेश्वर में डॉ. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत की विदेश नीति में बड़े सुधार होंगे। उन्होंने कहा कि भारत अपनी स्पष्ट विदेश नीति के कारण विभिन्न वैश्विक मुद्दों के बारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण खाड़ी क्षेत्र और पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्से युद्ध की स्थिति से गुजर रहे हैं। डॉ० जयशंकर ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में रहने वाले अपने 90 लाख नागरिकों की सुरक्षा के लिए चिंतित है।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संदेश देने के लिए इस्रायल और ईरान के विदेश मंत्रियों से भी संपर्क किया है और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संदेश दिया है कि विश्व रूस और यूक्रेन युद्ध में आगे न बढ़ने से रोकना चाहता है कि और उन्हें तनाव कम करना चाहिए। डॉ. जयशंकर ने कहा कि रूस और यूक्रेन स्पष्ट विदेश नीति के कारण भारत की मध्यस्थता चाहते हैं। विदेश मंत्री आज से ओडिसा की दो दिन की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में ओडिसा को 18 लाख करोड रूपए की केंद्रीय सहायता मिली है जबकि राज्य में 20 पासपोर्ट सहायता केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को दो लाख 70 हजार मकान दिए गए हैं।