विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को फोन पर यूक्रेन के अपने समकक्ष दमित्रो कुलेबा के साथ वार्ता की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मॉस्को यात्रा के करीब दस दिन बाद दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता हुई है। जयशंकर ने कहा कि बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने पर केंद्रित थी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आज दोपहर में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के साथ एक अच्छी बातचीत हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने के बारे में चर्चा हुई।’’
दोनों विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की ओर से मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना की पृष्ठभूमि में हुई। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने नौ जुलाई को मोदी की मॉस्को यात्रा को ‘बड़ी’ निराशा और शांति प्रयासों के लिए ‘विनाशकारी झटका’ करार दिया था।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जेलेंस्की ने विशेष रूप से यूक्रेन पर रूस के मिसाइल हमलों का उल्लेख किया जिसमें कीव में बच्चों के अस्पताल पर किए गए हमले का भी जिक्र था। जेलेंस्की ने कहा था, ‘‘एक रूसी मिसाइल ने यूक्रेन के सबसे बड़े, बच्चों के अस्पताल पर हमला किया, जिसमें युवा कैंसर रोगियों को निशाना बनाया गया। कई लोग मलबे के नीचे दब गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को ऐसे दिन मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते देखना बेहद निराशाजनक है और शांति प्रयासों के लिए एक विनाशकारी झटका है।’’ यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की अपनी पहली यात्रा में मोदी ने आठ और नौ जुलाई को मॉस्को का दौरा किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता में मोदी ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान पर संभव नहीं है और बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।